दोगुनी हुई भारतमाला प्रोजेक्ट्स की लागत, इस वजह से बढ़ाई गई राशि

इक्रा ने एक बयान में कहा कि भारतमाला (BMP) चरण-1 की संशोधित लागत के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी लंबित होने से हाल की तिमाहियों में परियोजना आवंटन गतिविधि में गिरावट आई है। भारतमाला परियोजना भारत में सबसे बड़ा राजमार्ग बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है। इस प्रोजक्ट पर काम चल रहा है।

Bharatmala Projects, Bharatmala Pariyojana,
ढांचागत विकास पर केंद्रित भारतमाला परियोजना (BMP) की लागत दोगुनी होकर 10.64 लाख करोड़ रुपये हो गई है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को कहा कि यह वृद्धि निर्माण लागत बढ़ने और भूमि अधिग्रहण की कीमत बढ़ने की वजह से हुई है। भारतमाला परियोजना भारत में सबसे बड़ा राजमार्ग बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है। इसका लक्ष्य 5.35 लाख करोड़ रुपये के निवेश पर 34,800 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों का विकास करना है। सरकार का यह बेहद ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है।

30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आएगी

इक्रा ने एक बयान में कहा कि भारतमाला चरण-1 की संशोधित लागत के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी लंबित होने से हाल की तिमाहियों में परियोजना आवंटन गतिविधि में गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष के सात महीनों में यह 48 प्रतिशत गिरकर 2,595 किलोमीटर हो गई। जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5,007 किलोमीटर थी। इक्रा का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में परियोजना आवंटन गतिविधि में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आएगी।

बीओटी मॉडल पर आधारित परियोजना

इक्रा रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख आशीष मोदाणी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लगभग 95 प्रतिशत सड़क परियोजनाओं का आवंटन हाइब्रिड वार्षिकी मोड (एचएएम) और इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) माध्यम से किए गए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अब बीओटी मॉडल पर आधारित परियोजनाओं पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसमें परियोजना का निर्माण एवं परिचालन निजी कंपनी करती है और एक तय अवधि के बाद उसका हस्तांतरण सरकार को कर दिया जाता है।
End Of Feed