खून के लिए जूझ रहे मरीजों को मिलेगी नई जिंदगी, देश के कोने-कोने में ड्रोन से होगी ब्लड की डिलीवरी

Blood delivery by Drone in India: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने गुरुवार को ड्रोन से खून की डिलीवरी की सफल टेस्टिंग की है। जिसके बाद देश के कोने-कोने में ड्रोन से खून की डिलीवरी करने की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। ICMR ने कहा कि कुछ जरूरी प्रोसेस को पूरा ड्रोन से खून की डिलीवरी शुरू कर दी जाएगी।

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टेस्टिंग के दौरान ड्रोन में लोड किया गया 10 यूनिट खून

मुख्य बातें
  • देश के कोने-कोने में ड्रोन से होगी खून की डिलीवरी
  • ICMR ने ड्रोन से खून पहुंचाने की सफल टेस्टिंग की
  • अमेरिका, घाना समेत कई देशों में इस्तेमाल हो रहा है ड्रोन

Blood delivery by Drone in India: अब पूरे देश में ड्रोन से खून की डिलीवरी करने का सपना जल्द ही हकीकत में बदल सकता है। एक सीनियर ऑफिसर ने ये जानकारी दी। ICMR यानी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) ने गुरुवार को अपनी i-Drone पहल के तहत ड्रोन के जरिए ब्लड बैग की डिलीवरी की सफल टेस्टिंग की है।

कोरोनावायरस के दौरान पहली बार इस्तेमाल हुआ था आई ड्रोन

ये पहल भारत में ड्रोन इकोलॉजी को बढ़ाने के राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है। आईसीएमआर ने सबसे पहले कोविड-19 महामारी के दौरान दूरदराज के इलाकों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए आई-ड्रोन का इस्तेमाल किया था।

आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बहल ने कहा, ‘‘आज हम खून और खून से संबंधित प्रॉडक्ट भेज रहे हैं जिन्हें कम तापमान पर रखा जाता है। इस प्रयोग के बाद हमने पाया कि हमने सिर्फ तापमान ही नहीं बनाए रखा बल्कि प्रोडक्ट को कोई नुकसान भी नहीं हुआ।’’

इस शर्त पर शुरू होगी ड्रोन से खून की डिलीवरी

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक एम्बुलेंस के जरिए एक अन्य सैम्पल भेजा और अगर दोनों तरीकों का इस्तेमाल कर भेजे गए नमूनों में कोई अंतर नहीं है तो फिर पूरे भारत में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।’’

राजीव बहल ने कहा, ‘‘डिजीटलाइजेशन के साथ वैक्सीन के प्रभावी निर्माण और तेज डिलीवरी सिस्टम विकसित होने से भारत ने एक साल के अंदर 90 फीसदी कवरेज हासिल की है।

घाना, अमेरिका समेत कई देशों में इस्तेमाल हो रहा है ड्रोन

आईसीएमआर, दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और नोएडा के जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रयासों से देश में पहली बार सफल टेस्टिंग की गई है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, टेस्टिंग के तौर पर ड्रोन गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के बीच 10 यूनिट खून लेकर गया।

घाना और अमेरिका समेत कुछ देश ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक खून, वैक्सीन, दवाइयां, मेडिकल का सामान और कई बार मानव अंगों की डिलीवरी के लिए ड्रोन का पहले से ही इस्तेमाल कर रहे हैं।

भाषा इनपुट्स के साथ

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    सुनील चौरसिया author

    मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स नाउ नवभारत में बिजनेस, यूटिलिटी और पर्सनल फाइनेंस पर...और देखें

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