DL Renewal: डेडलाइन के बाद ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लगने वाला एक्स्ट्रा चार्ज जुर्माना नहीं, हाई कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

Driving License Renewal: ​हाई कोर्ट की एक बेंच ने मंगलवार को केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों को बरकरार रखा। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि अतिरिक्त शुल्क लगाने वाले प्रावधान वास्तव में शुल्क की आड़ में जुर्माना हैं और कोई अतिरिक्त सेवा प्रदान नहीं की जा रही है।

Driving License Renewal

Driving License Renewal: बॉम्बे हाई कोर्ट ने डेडलाइन के बाद ड्राइविंग लाइसेंस के रिन्यू को लेकर लगने वाले फाइन पर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि निर्धारित समय सीमा के बाद ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यू करने और मोटरसाइकिलों के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने के वास्ते अतिरिक्त शुल्क लगाना कोई जुर्माना नहीं है। बॉम्बे हाई कोर्ट की एक बेंच ने मंगलवार को केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों को बरकरार रखा। इसमें छूट अवधि के बाद ड्राइविंग लाइसेंस के रिन्यू के लिए आवेदन किए जाने, मोटरसाइकिलों के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का रिन्यू और वाहनों के ऑनरशिप के ट्रांसफर के लिए एनओसी जमा करने में देरी के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रावधान है।

कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका

मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने नियमों की वैधता को चुनौती देने वाली परिवहन क्षेत्र से संबंधित दो न्यासों - के. सावकाश ऑटोरिक्शा संघ और मुंबई बस मालक संगठन - के द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि हमें यह मानने में कोई झिझक नहीं है कि इस मामले में अतिरिक्त शुल्क लगाना किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुर्माना नहीं है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि अतिरिक्त शुल्क लगाने वाले प्रावधान वास्तव में शुल्क की आड़ में जुर्माना हैं और कोई अतिरिक्त सेवा प्रदान नहीं की जा रही है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, सरकार को अतिरिक्त शुल्क लगाने का अधिकार है।

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