Ram Mandir: भूकंप में भी राम मंदिर की नहीं हिलेगी नींव, जानें- निर्माण की खासियत

Ayodhya Ram Temple: मंदिर के निर्माण में 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों के साथ-साथ राजस्थान के मिर्जापुर और बंसी-पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थर और नक्काशीदार संगमरमर का उपयोग किया गया है। अगर कभी गंभीर प्राकृतिक आपदा आती है तो क्या यह विशाल मंदिर भूकंप का सामना कर सकता है। आइए जान लेते हैं।

Ram Mandir

राम मंदिर अयोध्या।

Ayodhya Ram Temple: अयोध्या के राम मंदिर की रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। 22 जनवरी 2024 को होने प्राण प्रतिष्ठा समारोह है। इसके बाद मंदिर को 23 जनवरी से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। निर्माण के बाद राम मंदिर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर होगा। विशाल संरचना वाला यह मंदिर अपने आप में अनोखा होगा। चूंकि मंदिर का महत्व बहुत बड़ा है, इसलिए इस बात को लेकर अटकलें लगाई जाती रही हैं कि अगर कभी गंभीर प्राकृतिक आपदा आती है तो क्या यह मंदिर भूकंप का सामना कर सकता है। आइए जानते हैं इसका जवाब...

भूकंप प्रतिरोधी होगा राम मंदिर

रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर भूकंप प्रतिरोधी होगा और 1,000 साल से अधिक समय तक ऐसे ही अपनी विशाल संरचना के साथ खड़ा रह सकता है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक अगले एक हजार साल तक मंदिर को किसी मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इसके अलावा यह रिक्टर पैमाने पर 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी झेल सकता है। मंदिर के खंभों की नींव नदियों पर बने पुल जितनी गहरी है। मंदिर के निर्माण में लोहे और स्टील का उपयोग नहीं किया गया। इसके स्थान पर 21 लाख घन फीट ग्रेनाइट, बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग किया गया है। नींव के लिए इस्तेमाल की गई मिट्टी केवल 28 दिनों में पत्थर में बदल सकती है और नींव में सावधानीपूर्वक 47 परतें बिछाई गईं।

बताया जाता है कि मंदिर की नींव 50 फीट गहरी है। मंदिर के बेस को बनाने के लिए एक 50 फुट गहरा और 400 फुट लंबा और 300 फुट चौड़ा गड्ढा बनाया गया है। उसे कॉम्पैक्ट सीमेंट और फ्लाई ऐश और छोटे पत्थरों सहित अन्य निर्माण सामग्री की परतों से भरा गया है। दीवारों की मोटाई बढ़ा दी गई है और दीवारों पर भारी पत्थर लगाए गए हैं। मंदिर को चंद्रकांत सोमपुरा ने डिजाइन किया है।

पत्थरों का इस्तेमाल

मंदिर के निर्माण में 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों के साथ-साथ राजस्थान के मिर्जापुर और बंसी-पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थर और नक्काशीदार संगमरमर का उपयोग किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि 1992 के 'शिला दान' के दौरान और उसके बाद दान की गई सभी ईंटों का उपयोग निर्माण में किया गया है। मुख्य राम मंदिर 2.7 एकड़ में फैला हुआ है। इसकी कुल लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट है। शिखर सहित मंदिर की ऊंचाई 161 फीट है और इसमें कुल तीन मंजिलें होंगी।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | यूटिलिटी (utility-news News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

    TNN बिजनेस डेस्क author

    TNN बिजनेस डेस्कऔर देखें

    End of Article

    © 2025 Bennett, Coleman & Company Limited