Health Insurance Rule Change: किसी भी अस्पताल में कैशलैस होगा इलाज, हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के बदल गए नियम
Health Insurance Rule Change: जनरल इंश्योरेंस काउंसिल का कहना है कि नॉन-नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस सुविधा तुरंत प्रभावी होगी। अब तक एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीधारक केवल अपनी बीमा पॉलिसी वाली कंपनी के नेटवर्क में शामिल अस्पतालों में ही कैशलैस इलाज करवा सकता था। लेकिन अब यह नियम बदलने जा रहा है।
Health Insurance Policy
Health insurance rule change: जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) ने सामान्य और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के परामर्श से सभी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा के विस्तार के लिए 'कैशलेस एवरीवेयर' पहल शुरू की है। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारक अब उन अस्पतालों में भी कैशलेस सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं जो बीमाकर्ताओं के नेटवर्क में नहीं हैं। अब तक एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीधारक केवल अपनी बीमा पॉलिसी वाली कंपनी के नेटवर्क में शामिल अस्पतालों में ही कैशलैस इलाज करवा सकता था।
बीमा कंपनी हेल्थ खर्च का निपटान सीधे अस्पताल से करती है। अगर कोई अस्पताल बीमा कंपनी के नोटवर्क में शामिल नहीं है, तो पॉलिसीधारक को पूरी राशि अपनी जेब से चुकानी होगी।
कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन सुविधा
'कैशलेस एवरीवेयर' सिस्टम के तहत, पॉलिसीधारक कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन सुविधा के जरिए अपने द्वारा चुने गए किसी भी अस्पताल में इलाज करवा सकता है। भले ही अस्पताल बीमा कंपनी के नेटवर्क में नहीं है, फिर भी बीमाकर्ता अस्पताल के बिल का भुगतान करेगा। इस तरह पॉलिसीधारक को कैशलेस इलाज का लाभ मिल सकेगा। नॉन लिस्टेड हॉस्पिटल में 'कैशलेस एवरीवेयर' सुविधा प्राप्त करने के लिए, जीआईसी द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार, तीन शर्तें हैं जिन्हें स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को ध्यान में रखना होगा।
इन तीन शर्तों का रखना होगा ध्यान- ग्राहक को कम से कम 48 घंटे पहले बीमा कंपनी को सूचित करना होगा।
- इमरजेंसी इलाज के लिए ग्राहक को हॉस्पिटल में एडमिट होने के 48 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करना चाहिए।
- क्लेम पॉलिसी की शर्तों के अनुसार स्वीकार्य होना चाहिए और कैशलेस सुविधा बीमा कंपनी के ऑपरेटिंग दिशानिर्देशों के अनुसार स्वीकार्य होनी चाहिए।
कब से प्रभावी होगी सर्विस
हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि बीमा कंपनी के नेटवर्क में नहीं शामिल हॉस्पिटल शुल्क मौजूदा लिस्टेड बीमाकर्ताओं की दरों पर आधारित होंगे। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल का कहना है कि नॉन-नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस सुविधा तुरंत प्रभावी होगी। 15 बेड वाले और क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत संबंधित राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ रजिस्टर्ड अस्पताल अब कैशलेस अस्पताल में भर्ती की पेशकश कर सकते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | यूटिलिटी (utility-news News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited