आज होगा डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट का आगाज, जानें कैसे करेगा काम
Digital Rupee: डिजिटल रुपया करंसी की दुनिया में एक बड़ी पहल है। लेकिन यह समझना भी जरूरी है कि सरकार इसे क्यों ला रही है और यह काम कैसे करेगा।
Central Bank Digital Currency: डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट का आगाज! जानें कैसे करेगा काम
- जल्द ही जेब में कैश लेकर चलना पुराने जमाने की बात होगी।
- देश में डिजिटल रुपया (E-Rupee) का पायलट लॉन्च होने जा रहा है।
- जी हां, आरबीआई की डिजिटल करेंसी अब हकीकत बनने जा रही है।
नई दिल्ली। देश की डिजिटल करेंसी- 'डिजिटल रुपया' (Digital Rupee) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इसकी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को दी। केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया कि डिजिटल रुपये (होलसेल सेगमेंट) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इस परीक्षण से सरकारी सिक्योरिटी में द्वितीयक बाजार लेनदेन का निपटान किया जाएगा। इसमें नौ बैंक सरकारी सिक्योरिटी में लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा (Central Bank Digital Currency) का इस्तेमाल करेंगे।
रिटेल सेगमेंट में डिजिटल रुपया
इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं। केंद्रीय बैंक रिटेल सेगमेंट में डिजिटल रुपये (e₹) का पहला पायलट परीक्षण एक महीने के अंदर शुरू कर सकता है। यह परीक्षण विशेष यूजर समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा। इसमें ग्राहकों को और कारोबारियों को, दोनों को ही शामिल किया जाएगा।
क्या है डिजिटल रुपया? (What is Digital Rupee)
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक की ओर से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है। फिलहाल दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी (CBDC) लाने की संभावनाओं को टटोल रहे हैं। भारत सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के बजट (Budget) के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी। डिजिटल करंसी से ट्रांजैक्शन लागत घट जाएगी।
डिजिटल रुपये से क्या होगा फायदा?
आरबीआई ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के बारे में अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि डिजिटल करेंसी लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे यूजर्स को मौजूदा पेमेंट सिस्टम के साथ अतिरिक्त विकल्प मिल पाएंगे। मालूम हो कि भविष्य के पायलट परीक्षणों में होलसेल स्तर पर होने वाले अन्य सौदों और सीमापार पेमेंट पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसमें सुरक्षा के पहलुओं का भी ध्यान रखा जाएगा। यह तकनीकी ब्लॉकचेन पर आधारित है, इसलिए उसकी ट्रैकिंग भी आसान होगी।
कैसे काम करेगा डिजिटल रुपया? (How will Digital Rupee work?)
सूत्रों की मानें तो डिजिटल करंसी वॉलेट के रूप में स्टोर हो पाएगी। जैसे पेटीएम सहित दूसरे वॉलेट में पैसे स्टोर होते हैं। आरबीआई भी ऐसा ही एक वॉलेट का प्रारूप ला सकता है, जिसमें डिजिटल करंसी स्टोर होगी। इसमें अलग यह होगा कि फिलहाल दुकानदार दूसरे वॉलेट से लेनदेन को मना कर सकते हैं, लेकिन वे आरबीआई के डिजिटल करंसी को इंकार नहीं कर सकेंगे।
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