CGHS के तहत महंगा हुआ इलाज, जान लें नए रेट और प्रोसेस
Central Government Health Services: केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीजीएचएस के तहत दी जाने वाली मेडिकल सेवाओं की फीस में बढ़ोतरी कर दी है। बता दें कि इस स्कीम के तहत सिर्फ केंद्र सरकार की नौकरी करने वाले लोगों को ही सस्ती दरों पर कई तरह की मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं।
हेल्थ केयर में बढ़ती लागत को देखते हुए केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
- सरकार ने CGHS के तहत महंगा किया इलाज
- CGHS में केंद्रीय कर्मचारियों को मिलती हैं सुविधाएं
- कर्मचारियों को सस्ती दरों पर मिलती हैं मेडिकल सुविधाएं
CGHS Package Price increases: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने CGHS (Central Government Health Services) के तहत सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली मेडिकल सेवाओं की फीस में बढ़ोतरी कर दी है। बताते चलें कि केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को सस्ते दामों पर कई तरह के मेडिकल सर्विसेज दी जाती हैं। इस स्कीम में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ उनके माता-पिता और बीवी-बच्चे भी शामिल होते हैं।
CGHS में केंद्रीय कर्मचारी सस्ती दरों पर करा सकते हैं इलाज
CGHS के तहत लाभार्थियों को सस्ते दाम पर अपना इलाज कराने के साथ-साथ हॉस्पिटल में बेड भी बुक कर सकते हैं। इस स्कीम के तहत देशभर के तमाम सरकारी अस्पतालों, आयुष केंद्रों के साथ-साथ बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पताल भी लिस्ट हैं। फिलहाल CGHS की सेवाएं देशभर के 79 शहरों में मिल रही हैं और इसमें अभी और कई शहरों को जोड़ा जा रहा है।
किन सेवाओं की फीस में कितनी हुई बढ़ोतरी
- OPD में डॉक्टर का कंसल्टेशन चार्ज में 200 रुपये की बढ़ोतरी करके 350 रुपये कर दी गई है। पहले इसकी फीस 150 रुपये थी।
- IPD में डॉक्टर के कंसल्टेशन चार्ज में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। आईपीडी कंसल्टेशन के लिए जहां पहले 300 रुपये थी, उसमें 50 रुपये बढ़ाकर अब इसे 350 रुपये कर दिया गया है।
- अगर किसी कर्मचारी को ICU बेड चाहिए तो अब उसे एक दिन के लिए 5400 रुपये खर्च करने होंगे।
- हॉस्पिटल रूम की फीस में डेढ़ गुना बढ़ोतरी हो गई है। जनरल वॉर्ड के कमरे के लिए अब 1000 से 1500 रुपये, सेमी प्राइवेट रूम के लिए 2000 से 3000 रुपये और प्राइवेट वॉर्ड के रूप के लिए 3000 से 4500 रुपये तक खर्च करने होंगे।
कर्मचारियों की सुविधा के लिए नियम में हुआ ये बड़ा बदलाव
इसके अलावा सरकार ने CGHS के तहत प्रोसेस में भी एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे लाभार्थियों का काफी राहत मिलेगी। पहले लाभार्थी को हॉस्पिटल का रेफरल के लिए खुद CGHS वेलनेस सेंटर जाना पड़ता था लेकिन अब वे अपनी जगह किसी दूसरे व्यक्ति को भी रेफरल के लिए भेज सकता है। इसके लिए लाभार्थी को इलाज से जुड़े सभी पेपर्स देने होंगे।
सरकार ने क्यों बढ़ाई फीस
बताते चलें कि हेल्थ केयर में बढ़ती लागत को देखते हुए केंद्र सरकार ने ये बड़ा फैसला किया था। इसके अलावा, लाभार्थियों की संख्या बढ़ने से भी सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ रहा था। लिहाजा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीजीएचएस के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को रियायती दामों पर दी जाने वाली सेवाओं की फीस में बढ़ोतरी कर दी।
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मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स नाउ नवभारत में बिजनेस, यूटिलिटी और पर्सनल फाइनेंस पर...और देखें
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