Wholesale Retail Prices: केंद्र 16 और खाद्य वस्तुओं की थोक, खुदरा कीमतों पर रोजाना रखेगा नजर, महंगाई को काबू करने की कोशिश
Wholesale Retail Prices:सरकार एक अगस्त से 16 और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की थोक और खुदरा कीमतों पर रोजाना के आधार पर नजर रखेगी। कीमतों को नियंत्रित करने में मदद के लिए इन जिंसों को विनियमित ढंग से जारी करने के लिए खरीदा और संग्रहीत किया जाता है।
(Image Source: iStockphoto)
Wholesale Retail Prices: केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को घोषणा की कि सरकार एक अगस्त से 16 और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की थोक और खुदरा कीमतों पर रोजाना के आधार पर नजर रखेगी ताकि कीमतों को स्थिर रखने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप करने में मदद मिल सके। उपभोक्ता मामलों का विभाग पहले से ही 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 550 केंद्रों से 22 आवश्यक खाद्य वस्तुओं की दैनिक कीमतों पर नजर रख रहा है।
जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि हम अब इसमें (निगरानी की वस्तुओं में) 16 और वस्तुओं को जोड़ रहे हैं, जिससे खाद्य वस्तुओं की कुल संख्या 38 हो जाएगी जिनकी कीमतों पर रोजाना नजर रखी जाएगी।
ये हैं 16 खाद्य पदार्थबाजरा (साबुत), ज्वार (साबुत), रागी (साबुत), सूजी (गेहूं), मैदा (गेहूं), बेसन, घी, मक्खन (पाश्चुरीकृत), बैंगन, अंडा, काली मिर्च, धनिया, जीरा, लाल मिर्च, हल्दी पाउडर और केला। विभाग में मूल्य निगरानी प्रभाग (पीएमडी) चयनित आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नज़र रखने के लिए जिम्मेदार है।
मंत्री ने एक अपडेट ‘पीएमएस मोबाइल ऐप संस्करण 4.0’ भी शुरू किया, जो मूल्य रिपोर्टिंग केंद्रों को 38 वस्तुओं पर दैनिक रिपोर्ट करने में मदद करेगा। मंत्री ने कहा कि हमें दैनिक आधार पर 38 वस्तुओं की वास्तविक मूल्य स्थिति का पता चलेगा। हमें मूल्य वृद्धि के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे नीति-निर्माण और कीमतों में अस्थिरता को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
मूल्य निगरानी के लिए सुझाव
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि ये 38 जिंस कुल सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति) भार का करीब 31 प्रतिशत हिस्सा हैं, जबकि 22 जिंसों सीपीआई भार का 26.5 प्रतिशत हिस्सा है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने विभाग को मूल्य निगरानी के लिए और जिंसों को जोड़ने का सुझाव दिया है। सरकार पहले 22 जिंसों - चावल, गेहूं, आटा, चना दाल, अरहर दाल, उड़द दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चीनी, गुड़, मूंगफली तेल, सरसों तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, पाम तेल, चाय, दूध, आलू, प्याज, टमाटर और नमक की निगरानी कर रही थी।
मंत्री ने बताया कि सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
सट्टा व जमाखोरी पर लगेगी रोक
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्याज, आलू और दालों जैसी पहचान की गई कृषि-बागवानी जिंसों की मुद्रास्फीति प्रवृत्तियों से निपटने के लिए इस कोष की स्थापना की गई है। कीमतों को नियंत्रित करने में मदद के लिए इन जिंसों को विनियमित ढंग से जारी करने के लिए खरीदा और संग्रहीत किया जाता है। सरकार द्वारा इस प्रकार के बाजार हस्तक्षेप से न केवल उचित बाजार संकेतक भेजने में मदद मिलेगी, बल्कि सट्टा व जमाखोरी की गतिविधियों पर भी रोक लगेगी। (इनपुट-भाषा)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | यूटिलिटी (utility-news News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें
Kisan Vikas Patra: पैसे डबल कर देती है ये सरकारी योजना, जानें कौन और कैसे कर सकता है अप्लाई
EPS: देश में कहीं भी पाएं पेंशन के पैसे, सफल हुआ CPPS का परिक्षण, जानें इससे किसे होगा फायदा
FD Interest Rate: दो बैंकों ने बढ़ाई FD की ब्याज दरें, जानें 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल की FD पर कहां कितन मिलेगा रिटर्न
Vidyalakshmi: बिना गारंटी मिलेगा 10 लाख तक का एजुकेशन लोन, किसे और कैसे मिलेगा लाभ, जानें सबकुछ
Indian Railway: रेलवे ने चलाई 7000 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें, अभी तक 1.2 करोड़ यात्री उठा चुके हैं फायदा
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited