SBI से ग्रीन इनिशिएटिव के लिए कर्ज लेने पर छूट, चेयरमैन ने किया ऐलान

बैंक जलवायु जोखिमों को कम करने और टिकाऊ वित्तपोषण के लिए अपने 33 लाख करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो के कार्बन को माप रहा है। ​चेयरमैन ने यहां उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि बैंक स्तर पर हमने अपने कर्जदारों के जोखिम के उस स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है।

SBI, SBI Green, SBI Dinesh Khara, एसबीआई,

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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) कर्ज लेने वालों के लिए जोखिम स्तर के आकलन पर काम कर रहा है, जहां वह हरित पहल के लिए विशेष छूट देता है। बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने सोमवार को यहां यह बात कही। उन्होंने कहा कि बैंक जलवायु जोखिमों को कम करने और टिकाऊ वित्तपोषण के लिए अपने 33 लाख करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो के कार्बन पदचिह्न को माप रहा है।

चेयरमैन ने यहां उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि बैंक स्तर पर हमने अपने कर्जदारों के जोखिम के उस स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है, जहां हम हरित पहल के लिए कुछ विशेष छूट देते हैं। उन्होंने हालांकि इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।

नीति ढांचे की आवश्यकता पर जोर

गौरतलब है कि खारा कंपनियों द्वारा पर्यावरण को बचाने के झूठे वादों (ग्रीन-वॉशिंग) के खिलाफ चेतावनी देते रहे हैं। उन्होंने हरित वित्त के लिए बेहतर परियोजना रिपोर्ट का आह्वान किया ताकि हरित वित्त क्षेत्र को प्रभावित करने वाली सूचना विषमता को कम किया जा सके। उन्होंने हरित वित्त पारिस्थितिकी तंत्र पर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक नीति ढांचे की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

खारा ने इस संबंध में चार्टर्ड अकाउंटेंट समुदाय से कुछ लेखा मानक तैयार करने को कहा, जो कॉरपोरेट को हरित पहल और उनके नतीजों से संबंधित वार्षिक आंकड़े रखने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरित बॉन्ड बाजार को मजबूत करने की जरूरत है।

नेट जीरो

खारा ने कहा कि हासिल नेट जीरो हासिल करने के लिए भौतिक संपत्तियों पर वैश्विक खर्च को 2021 और 2050 के बीच 275 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में पहला ग्रीन बांड जारी होने के बाद से, घरेलू कंपनियों ने इस फंडिंग क्षेत्र में 43 बिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं, जिससे देश एशिया प्रशांत क्षेत्र में ऐसे बांड का छठा सबसे बड़ा जारीकर्ता बन गया है।

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