UPI Transaction Fee: क्या UPI से लेनदेन पर भी लगेगा चार्ज, कंपनियों को हो रहा है नुकसान
UPI Transaction Fee: यूपीआई मार्केट के 80 फीसदी हिस्से पर Google Pay और Walmart के स्वामित्व वाले PhonePe का दबदबा है। फिनटेक कंपनियां ग्राहक अधिग्रहण लागत के बावजूद यूपीआई में रेवेन्यू की कमी को लेकर चिंता जता रही हैं। इसलिए एक बार फिर से यूपीआई पर शुल्क लगाने को लेकर बहस शुरू हो गई है।
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UPI Transaction Fee: यूनिफाइड पेमेंट सर्विस (UPI) मार्केट में PhonePe और Google Pay के प्रभुत्व ने मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर चार्ज वसूलने की बहस को फिर से हवा दी है। हालांकि, सरकार ने यूपीआई पर शुल्क लगाने की योजना से इंकार किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिनटेक कंपनियां ग्राहक अधिग्रहण लागत के बावजूद यूपीआई में रेवेन्यू की कमी को लेकर चिंता जता रही हैं। उनका तर्क है कि लॉन्गटर्म स्टैबिलिटी के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के साथ क्रेडिट कार्ड जैसे सिस्टम की जरूरत है।
बिजनेस मॉडल को नुकसान
बैठक में भाग लेने वाले एक फिनटेक कार्यकारी ने टीओआई को बताया कि जीरो एमडीआर (व्यापारी छूट दर) बिजनेस मॉडल को नुकसान पहुंचा रहा है। एक अन्य फिनटेक कार्यकारी ने टीओआई को बताया कि हममें से कुछ लोगों ने एनपीसीआई के साथ प्रीपेड पेमेंट उपकरणों के माध्यम से किए गए यूपीआई लेनदेन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की, हालांकि कोई निर्णायक नतीजा नहीं निकल सका।
यूपीआई मार्केट पर किसका कब्जा
यूपीआई मार्केट के 80 फीसदी हिस्से पर Google Pay और Walmart के स्वामित्व वाले PhonePe का दबदबा है। आरबीआई के प्रतिबंध के चलते फरवरी में पेटीएम का यूपीआई लेनदेन 1.4 बिलियन से घटकर 1.3 बिलियन हो गया। डिजिटल बैंकिंग सलाहकार पारिजात गर्ग ने टीओआई को बताया कि यूपीआई मर्चेंट लेनदेन पर शुल्क छोटे व्यवसायों को नए ग्राहक प्राप्त करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
30 देशों ने दिखाई है रुची
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि कुल 30 देशों ने डिजिटल भुगतान के लिए यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को अपनाने में रुचि दिखाई है। विशेष रूप से भारत के डिजिटल भुगतान नेटवर्क जैसे UPI, RuPay हाल ही में विश्व स्तर पर आकर्षक बन गए हैं और यही इंटरफSस निर्बाध सीमा पार लेनदेन को बढ़ावा दे सकता है।
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