PF: EPF, GPF और PPF में क्या होता है अंतर, बड़े काम की है ये जानकारी

कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए भारत में विभिन्न प्रकार की प्रोविडेंट फंड योजनाएं चलाई जाती हैं। आपने आमतौर पर EPF और PPF के बारे में तो सुना ही होगा। लेकिन ज्यादातर लोगों को अभी भी GPF के बारे में जानकारी नहीं होगी। आज हम आपको तीनों ही तरह के प्रोविडेंट फंड्स के बारे में बताने जा रहे हैं।

EPF, GPF और PPF में क्या होता है अंतर, बड़े काम की है ये जानकारी

PF: रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को किसी प्रकार की वित्तीय चुनौती का सामना न करना पड़े इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा भारत में विभिन्न प्रकार के प्रोविडेंट फंड चलाए जाते हैं। लोगों को आमतौर पर कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) या फिर पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के बारे में ही जानकारी होती है। वहीं जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) भी होता है जिसकी जानकारी अभी भी बहुत से लोगों को नहीं होती है। जानकारी नहीं होने की वजह से लोग अक्सर EPF, PPF और GPF में कन्फ्यूज भी हो जाते हैं। आज हम आपको इन तीनों ही प्रोविडेंट फंड्स के बारे में बताने जा रहे हैं।

EPF के बारे में तो सुना होगा

कर्मचारी भविष्य निधि की शुरुआत सरकार द्वारा कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्रदान करने के उद्देश्य के साथ की गई थी। EPF की देखरेख कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा की जाती है। हर महीने कर्मचारी की बेसिक कमाई का 12% हिस्सा PF खाते में जमा कर दिया जाता है। कर्मचारी के साथ ही कंपनी PF अकाउंट में 3.67% और 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन सिस्टम (EPS) में जमा करवाती है। इस तरह कर्मचारी की बेसिक कमाई के 12% के साथ ही कंपनी भी 12% का योगदान करती है।

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