EPF Vs PPF: दोनों में क्या है अंतर, जानिए फायदे और नुकसान

EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) और PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) दोनों ही बचत योजनाएं भारत में काफी पॉपुलर हैं। लेकिन इन दोनों ही योजनाओं के बीच कुछ अंतर भी मौजूद हैं। आज हम आपको इन दोनों योजनाओं के बीच मौजूद अंतर और इन योजनाओं में मौजूद फायदों के बारे में भी बतायेंगे।

दोनों में क्या है अंतर, जानिए फायदे और नुकसान

EPF Vs PPF: भारत सरकार द्वारा नागरिकों के बीच बचत को प्रेरित करने के उद्देश्य से कई योजनाएं चलाई जाती हैं। EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) और PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) ऐसी ही दो योजनाएं हैं। ये दोनों ही योजनाएं भारत के आम नागरिकों के बीच काफी पॉपुलर हैं। लेकिन इनमें कुछ अंतर भी मौजूद हैं। आज हम आपको इन्हीं अंतरों और दोनों ही योजनाओं के फायदों और नुकसान के बारे में बतायेंगे।

EPF के क्या हैं फायदे

कर्मचारी भविष्य निधि एक प्रकार की रिटायरमेंट-कम-पेंशन योजना है। इस योजना को चुनने वाले कर्मचारी को अपनी आय में से एक निश्चित हिस्सा PF अकाउंट में जमा करना होता है और इतना ही हिस्सा कंपनी भी जमा करती है। कोई भी कंपनी जिसमें कर्मचारियों की संख्या 20 से ज्यादा है उसे कर्मचारियों का PF अकाउंट खुलवाना ही पड़ता है। EPF अकाउंट कर्मचारी के रिटायरमेंट तक जारी रहता है और एक बार रिटायर होने या 2 महीने तक बेरोजगार होने पर ही आप इस अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80C के तहत EPFO पर टैक्स बेनेफिट भी मिलता है। लेकिन अगर आप 5 साल से पहले EPF अकाउंट से 50,000 से ज्यादा रकम निकालते हैं तो आपका TDS भी कटता है। अब आपको EPF अकाउंट में मौजूद पैसों पर 8.25% सालाना की दर से ब्याज भी मिलता है।

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