EPFO ने मार्च में जोड़े 13.4 लाख मेंबर्स, एक साल में 13.22% की बढ़त के साथ 1.39 करोड़ लोगों ने ली सदस्यता
EPFO provisional payroll data: ईपीएफओ ने शनिवार को अपना प्रोविजनल पेरोल डेटा जारी कर दिया। डेटा के मुताबिक ईपीएफओ ने मार्च 2023 में कुल 13.40 लाख सदस्य जोड़े हैं। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 1.39 करोड़ लोग ईपीएफओ के साथ जुड़े।
मार्च 7.58 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं
EPFO provisional payroll data: ईपीएफओ ने शनिवार को अपना प्रोविजनल पेरोल डेटा जारी कर दिया। डेटा के मुताबिक ईपीएफओ ने मार्च 2023 में कुल 13.40 लाख सदस्य जोड़े हैं। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 1.39 करोड़ लोग ईपीएफओ के साथ जुड़े। बताते चलें कि वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 2022-23 में ईपीएफओ के साथ जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या 13.22 प्रतिशत ज्यादा है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.22 करोड़ सदस्य जोड़े थे।
मार्च 2023 में EPFO के साथ पहली बार जुड़े 7.58 लाख लोग
मार्च, 2023 में जोड़े गए 13.40 लाख सदस्यों में से लगभग 7.58 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं। शामिल हुए नए सदस्यों में, सबसे ज्यादा नामांकन 18 से 21 साल के आयु वर्ग में 2.35 लाख सदस्यों के साथ दर्ज किया गया है, इसके बाद 22-25 वर्ष के आयु-समूह में 1.94 लाख सदस्य हैं। महीने के दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों में 18-25 साल के आयु वर्ग के सदस्यों की संख्या 56.60 प्रतिशत है।
ईपीएफओ के दायरे में दोबारा आए 10.09 लाख सदस्य
ईपीएफओ के आंकड़ों से मालूम चलता है कि लगभग 10.09 लाख सदस्य, ईपीएफओ में दोबारा जुड़े हैं। इन सदस्यों ने अपने रोजगार को बदल दिया और ईपीएफओ के तहत कवर किए गए प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपनी संचय राशि को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे उनकी सामाजिक संरक्षण सुरक्षा का विस्तार हुआ।
मार्च 2023 में 2.57 लाख महिलाओं का हुआ नामांकन
पेरोल डेटा के जेंडर-वाइज डेटा से पता चलता है कि मार्च, 2023 में कुल महिला सदस्यों का नामांकन 2.57 लाख रहा है, जो महीने के दौरान कुल सदस्य वृद्धि का लगभग 19.21 प्रतिशत है। इनमें से 1.91 लाख महिला सदस्यों की नई नियुक्तियां हैं। यह सभी नई नियुक्तियों का लगभग 25.16 प्रतिशत योग है।
टॉप 5 राज्यों की लिस्ट में महाराष्ट्र टॉप पर
इसके अलावा स्टेट-वाइज पेरोल के आंकड़े बताते हैं कि कुल मेंबर काउंट में महीने-दर-महीने बढ़ता रूझान हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम आदि राज्यों में परिलक्षित होता है। कुल सदस्य योग के मामले में 5 शीर्ष राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात हैं। ये राज्य एक साथ मिलकर महीने के दौरान कुल सदस्य योग का 58.68 प्रतिशत हैं। महीने के दौरान सभी राज्यों में, महाराष्ट्र 20.63 प्रतिशत कुल सदस्यों के योग के साथ सबसे आगे है, जिसके बाद 10.83 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु का स्थान है।
पीआईबी इनपुट्स के साथ
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मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स नाउ नवभारत में बिजनेस, यूटिलिटी और पर्सनल फाइनेंस पर...और देखें
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