प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब इस तकनीक से होगा नया सर्वेक्षण
PMAY-G survey: मोदी सरकार ने पीएम आवास योजना को लेकर एक नया प्लान तैयार किया है। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है कि प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के नये सर्वेक्षण में ‘चेहरे की पहचान' तकनीक का उपयोग किया जाएगा। आपको तफसील से सारा माजरा समझाते हैं।
पीएमएवाई-जी के नये सर्वेक्षण में ‘चेहरे की पहचान' तकनीक का उपयोग किया जाएगा: सूत्र
New Delhi: केंद्र द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत अतिरिक्त दो करोड़ आवास के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बाद अब अद्यतन मानदंडों के अनुसार सर्वेक्षण किया जाएगा और लाभार्थियों की एक नई सूची बनाई जाएगी, जिससे पहली बार इस योजना में नामांकन के इच्छुक लोगों को ‘स्व-सर्वेक्षण’ की अनुमति मिलेगी।
पहली बार किया जाएगा ‘चेहरे की पहचान’ तकनीक का उपयोग
ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार, पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पहली बार सर्वेक्षणकर्ताओं और सर्वेक्षण किए जाने वाले लोगों, दोनों के लिए ‘चेहरे की पहचान’ तकनीक का उपयोग किया जाएगा। पीएमएवाई-जी 2016 में शुरू की गई और इसका लक्ष्य पांच वर्षों में 2.95 करोड़ पक्के मकानों के निर्माण का था।
पीएमएवाई-जी के तहत किया गया 2.67 करोड़ आवास का निर्माण
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, योजना की शुरूआत के बाद से पीएमएवाई-जी के तहत 2.67 करोड़ आवास का निर्माण किया गया है, जबकि इंदिरा गांधी आवास योजना के तहत लंबित लगभग 77 लाख आवास का निर्माण भी पूरा हो चुका है।
आधिकारिक सूत्र ने कहा कि इस बार, योजना के लिए पात्रता के मानदंडों में ढील दी गई है तथा कुछ सीमाएं हटा दी गई हैं। सूत्र ने कहा कि ‘आवास प्लस ऐप’ के माध्यम से नए सर्वेक्षण किए जाएंगे।
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