Bank Deposits: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बैंकों को डिपॉजिट बढ़ाने के लिए आकर्षक प्रोडक्ट लाने चाहिए

बैंकों को कोर बैंकिग यानी मुख्य कारोबार पर ध्यान देने की जरूरत है। ​​हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी समिति की बैठक में एक बार फिर से रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया और दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बैंकों को जमा राशि जुटाने के लिए अनूठी और आकर्षक योजनाएं लानी चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल को संबोधित करने के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि जमा और उधार एक गाड़ी के दो पहिए हैं और जमा धीरे-धीरे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों को कोर बैंकिग यानी मुख्य कारोबार पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें जमा राशि जुटाना और जिन्हें कोष की जरूरत है, उन्हें कर्ज देना शामिल है।

आकर्षक योजनाओं की जरूरत

सीतारमण ने जमा और कर्ज के बीच अंतर को दूर करने के लिए बैंकों से लोगों से धन जुटाने के लिए ‘अनूठी और आकर्षक’ जमा योजनाएं लाने को कहा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि ब्याज दरें नियंत्रणमुक्त हैं और अक्सर बैंक धन आकर्षित करने के लिए जमा दरें बढ़ाते हैं। दास ने कहा कि बैंक ब्याज दर पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने इसी सप्ताह द्विमासिक मौद्रिक नीति पेश करते हुए बैंकों में जमा और कर्ज के बीच बढ़ते अंतर पर चिंता जतायी थी।

बैंक कर्ज की बढ़ती मांग

उन्होंने कहा था कि बैंक कर्ज की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए शर्ट टर्म नॉन-रिटेल डिपॉजिट और देनदारी के अन्य साधनों का अधिक सहारा ले रहे हैं। दास ने आगाह करते हुए कहा कि यह बैंकों में संरचनात्मक रूप से नकदी के मुद्दों को सामने ला सकता है। इसीलिए, बैंक नए प्रोडक्ट और सर्विस पेशकशों के माध्यम से और अपने विशाल नेटवर्क का लाभ उठाकर घरेलू वित्तीय बचत जुटाने पर अधिक ध्यान दे सकते हैं।

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