Inflation: खाद्य महंगाई में होगी कमी, आर्थिक विकास पकड़ेगा रफ्तार

भारत में आने वाले समय में खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है और साथ ही आर्थिक विकास दर में तेजी देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट में कहा गया कि चुनिंदा खाद्य वस्तुओं पर मौजूदा मूल्य दबाव के बाद भी कृषि उत्पादन की अच्छी संभावनाओं ने महंगाई के आउटलुक को नरम बना दिया है। नवंबर की शुरुआत में रुझानों ने प्रमुख खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी का संकेत दिया है।

खाद्य महंगाई में होगी कमी, आर्थिक विकास पकड़ेगा रफ्तार

Inflation: भारत में आने वाले समय में खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है और साथ ही आर्थिक विकास दर में तेजी देखने को मिल सकती है। इसकी वजह अच्छे मानसून और न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के कारण कृषि क्षेत्र को फायदा होना है। यह जानकारी सोमवार को जारी वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा में दी गई। भारत की रिटेल महंगाई दर अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत रही है, जो कि 14 महीनों का सबसे उच्चतम स्तर था। इसकी वजह प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश से आपूर्ति में व्यवधान के कारण टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों पर दबाव बढ़ना था।

महंगाई पड़ेगी नरम

रिपोर्ट में कहा गया कि चुनिंदा खाद्य वस्तुओं पर मौजूदा मूल्य दबाव के बाद भी कृषि उत्पादन की अच्छी संभावनाओं ने महंगाई के आउटलुक को नरम बना दिया है। नवंबर की शुरुआत में रुझानों ने प्रमुख खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी का संकेत दिया है। हालांकि, भू-राजनीतिक कारक घरेलू महंगाई दर और आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित करना जारी रख सकते हैं। वैश्विक अस्थिरता के बीच मानसून के महीनों में कुछ समय तक धीमी गति के बाद भारत में आर्थिक गतिविधि के कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर में अक्टूबर में सुधार देखने को मिला है।

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