FSSAI: पैकेट वाले खाने की इन चीजों पर कंपनियों को देनी होंगी ये जानकारियां, FSSAI कर रहा अनिवार्य करनी तैयारी
FSSAI: FSSAI इस बारे में एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगा और हितधारकों से टिप्पणियां मांगेगा। नियामक ने इस संबंध में लेबलिंग के नियमों में बदलाव को मंजूरी दी है। नियामक ने कहा कि संशोधन का मकसद उपभोक्ताओं को उत्पाद के पोषण मूल्य को अच्छी तरह समझने और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाना है।
FSSAI: खाद्य नियामक एफएसएसएआई पैकेट वाले खाद्य पदार्थों पर नमक, चीनी और सैचुरेटेड फैट के बारे में बोल्ड अक्षरों के साथ ही बड़े फॉन्ट में जानकारी देने को अनिवार्य करने की तैयारी कर रहा है। नियामक ने इस संबंध में लेबलिंग के नियमों में बदलाव को मंजूरी दी है। FSSAI इस बारे में एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगा और हितधारकों से टिप्पणियां मांगेगा। एक आधिकारिक बयान में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा कि उसने पैकेट वाले खाद्य पदार्थों के लेबल पर बोल्ड अक्षरों और अपेक्षाकृत बड़े फॉन्ट साइज में कुल चीनी, नमक औरसैचुरेटेड फैट के बारे में पोषण संबंधी जानकारी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
लेबलिंग और प्रदर्शन
पोषण संबंधी जानकारी लेबलिंग के संबंध में खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम, 2020 में संशोधन को मंजूरी देने का फैसला FSSAI के चेयरमैन अपूर्व चंद्रा की अध्यक्षता में लिया गया। नियामक ने कहा कि संशोधन का मकसद उपभोक्ताओं को उत्पाद के पोषण मूल्य को अच्छी तरह समझने और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाना है।
इस बदलाव के लिए जारी मसौदा अधिसूचना अब सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी। अनुशंसित आहार भत्ते (आरडीए) में प्रति सर्व प्रतिशत (%) योगदान के बारे में जानकारी कुल चीनी, कुल सैचुरेटेड फैट और सोडियम सामग्री के लिए मोटे अक्षरों में दी जाएगी।
FSSAI जारी करता रहता है सुझाव
FSSAI झूठे और भ्रामक दावों को रोकने के लिए समय-समय पर परामर्श जारी करता रहा है। इनमें ई-कॉमर्स वेबसाइट को ‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द को हटाने के लिए भेजे गए परामर्श शामिल हैं, क्योंकि इसे FSS अधिनियम 2006 या इसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के तहत कहीं भी परिभाषित या मानकीकृत नहीं किया गया है।
मंत्रालयों के प्रतिनिधि रहे मौजूद
बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में उद्योग संघों, उपभोक्ता संगठनों, शोध संस्थानों और किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
(भाषा)
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रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर ...और देखें
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