BC Sakhi: हर पंचायत में बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी नियुक्त करेगी सरकार, जानिए क्या होगा इनका काम
BC Sakhi: सरकार, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के जरिये 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को जोड़ने पर ध्यान दे रही है। गिरिराज सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भारत में उद्यमिता की राजदूत हो सकती हैं। करीब ढाई लाख पंचायतों में कम से कम एक बीसी सखी नियुक्त करने पर विचार किया जा रहा है।
BC Sakhi: ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि व्यवसायिक संदेशवाहकों ‘सखियों’ (बीसी सखी) ने स्वयं सहायता समूहों की नॉन परफॉर्मिंग एसेट घटाने में अहम भूमिका निभाई है और सरकार हर पंचायत में एक ऐसी संदेशवाहक नियुक्त करने पर विचार कर रही है। जब से संस्थागत वित्तपोषण केंद्रबिंदु में आया है तब से ये सखियां बैंकों और ग्रामीण जनसंख्या के बीच अहम सेतु बन गई हैं। ये सखियां गांवों में घर-घर जाती हैं तथा संस्थानिक कर्ज एवं अन्य बैंकिंग सुविधाएं हासिल करने में लोगों को मदद करती हैं।
कितनी महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य
सरकार, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के जरिये 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को जोड़ने पर ध्यान दे रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल करीब 1,22,915 बीसी सखी हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन मंत्रालय देश में सभी करीब ढाई लाख पंचायतों में कम से कम एक बीसी सखी नियुक्त करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
उद्यमिता की राजदूत
गिरिराज सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भारत में उद्यमिता की राजदूत हो सकती हैं। जब मोदी सरकार सत्ता में आयी थी तब 2014 में इन एसएचजी की नॉन परफॉर्मिंग एसेट 9.58 फीसदी थी जो अब घटकर 1.8 फीसदी रह गई है। मंत्रालय के अनुसार 2013-14 से अबतक इन एसएचजी ने करीब 6.96 लाख करोड़ रुपये बैंक ऋण लिया है।
कर्ज भुगतान में सुधार
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि संस्थागत वित्त की सुलभता और ब्याज माफी की वजह से इन एसएचजी में महिलाओं के लिए बड़ा अंतर आया है तथा इन समूहों द्वारा कर्ज भुगतान में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण सस्टेनेबल आजीविका एवं महिला केंद्रित विकास प्रदान करना है। हम बैंकिंग सुलभता को और सुगम बनाने के लिए सभी पंचायतों में बीसी सखी और बैंक सखी नियुक्त करने /रखने पर विचार कर रहे हैं।
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