GST on Insurance: सस्ता हो सकता है बीमा प्रीमियम, इंश्योरेंस पर लगने वाले GST में कटौती की उम्मीद

GST on Insurance: 9 सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक होने वाली है और इससे पहले ऐसी चर्चा है कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर लागू जीएसटी को कम किया जा सकता है। किसी भी कटौती से सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।

GST on Life and Health Insurance

GST on Life and Health Insurance

GST on Insurance: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के महंगे प्रीमियम से लोगों को राहत मिल सकती है। 9 सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक होने वाली है और इससे पहले ऐसी चर्चा है कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर लागू जीएसटी को कम किया जा सकता है। सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी काउंसिल फिटमेंट पैनल की सिफारिशों की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है, जो बीमा प्रोडक्ट पर 18 फीसदी जीएसटी दर का रिव्यू कर रहा है।

5 फीसदी हो सकती है जीएसटी की दर

रिपोर्ट के अनुसार, बीमा पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है। इस कटौती का लाभ सिर्फ 50 रुपये तक के सालाना किस्त वाले इंश्योरेंस पर दिए जाने की संभावना है। अगर यह बदलाव मंजूर हो जाता है, तो इससे सरकार के राजस्व पर करीब 213 करोड़ रुपये का असर पड़ सकता है।

उपभोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद

किसी भी कटौती से सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, क्योंकि जीवन बीमा कंपनियां बचत का लाभ ग्राहकों को देंगी। इस बीच, फिटमेंट पैनल ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी का बोझ कम करने के लिए चार संभावित विकल्प पेश किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण विकल्प स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और री-इंश्योरेंस वालों के लिए पूरी तरह से छूट का सुझाव देता है, जिससे 3,500 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हो सकता है।

पेश किए गए हैं ये ऑप्शन

एक अन्य विकल्प वरिष्ठ नागरिकों और 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाली पॉलिसियों के लिए प्रीमियम में छूट देने पर केंद्रित है, जिससे 2,100 करोड़ रुपये का संभावित राजस्व प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा सीमित प्रस्ताव में केवल वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर छूट देने का सुझाव दिया गया है, जिसका राजस्व पर 650 करोड़ रुपये का छोटा प्रभाव पड़ेगा।

एक अन्य विकल्प इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के लाभ के बिना सभी स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर जीएसटी दर को घटाकर 5 फीसदी करना है, जिसके लागू होने से सरकार को 1,750 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।

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Rohit Ojha author

रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें

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