डायमंड इंडस्ट्री को ध्यान में रखकर तैयार हुआ गुजरात की 'ड्रीम सिटी' का कॉन्सेप्ट, जानें खासियत

अधिकारियों का कहना है कि ड्रीम सिटी सूरत के हीरा उद्योग को बढ़ावा देकर दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार हासिल करना चाहती है। यह दुनिया के प्रसंस्कृत हीरा क्षेत्र का 72 प्रतिशत है। ड्रीम सिटी हीरा उत्पादन में एक वैश्विक शक्ति के रूप में कार्य करती है।

Gujarat Dream City Diamonds

गुजरात के सूरत में 685 हेक्टेयर में फैली 'ड्रीम' (डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल) सिटी परियोजना की परिकल्पना हीरा उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भविष्य के शहरी केंद्र के रूप में की गई है। अधिकारियों का कहना है कि ड्रीम सिटी सूरत के हीरा उद्योग को बढ़ावा देकर दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार हासिल करना चाहती है। यह दुनिया के प्रसंस्कृत हीरा क्षेत्र का 72 प्रतिशत है। ड्रीम सिटी हीरा उत्पादन में एक वैश्विक शक्ति के रूप में कार्य करती है।

ड्रीम सिटी का हिस्सा

उन्होंने कहा कि यह परियोजना शहरों की संकल्पना, विचार और विकास में वैश्विक स्तर के बेहतरीन तौर-तरीकों पर भी प्रकाश डालती है। सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) इस ड्रीम सिटी का हिस्सा है और भारत का दूसरा हीरा कारोबार केंद्र है, जो करीब 1.5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। एसडीबी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 दिसंबर को किया था।

उद्योग जगत का अनुमान है कि गुजरात के लगभग 90 प्रतिशत हीरों का प्रसंस्करण सूरत और उसके आसपास होता है जिससे नौ लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। दुनिया के 10 में से आठ हीरे गुजरात में ही प्रसंस्कृत होते हैं। भारत के कुल हीरा निर्यात में गुजरात का योगदान 80 प्रतिशत है।

End Of Feed