Health Insurance Updates: क्लेम सेटलमेंट के नाम पर नहीं करना होगा इंतजार, अब 3 घंटे में होगा अप्रूवल, पैसा भी बचेगा

Health Insurance Claim Rule Change: इंश्योरेंस कंपनी ने इलाज के पैसे का भुगतान नहीं किया है। इसकी वजह से आपको घंटों हॉस्पिटल में बैठना पड़ रहा है। लेकिन अगर नियम की बात करें, तो इंश्योरेंस कंपनी ऐसा नहीं कर सकती है। ऐसे ही मामलों में IRDAI के नियम मरीजों के लिए मददगार साबित होंगे।

Health Insurance Policy

हेल्थ इंश्योरेंस

Health Insurance Claim Rule Change in Hindi: आप किसी बीमारी के इलाज के लिए हॉस्पिटल में एडमिट हुए। आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है, जिसके जरिए आपका इलाज हो गया। कुछ दिनों बाद आप पूरी तरह से स्वस्थ हो गए और अब घर जाना चाहते हैं, लेकिन आप नहीं जा पा रहे हैं। क्योंकि आपका इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट नहीं हुआ है। मतलब कि इंश्योरेंस कंपनी ने इलाज के पैसे का भुगतान नहीं किया है। इसकी वजह से आपको घंटों हॉस्पिटल में बैठना पड़ रहा है। लेकिन अगर नियम की बात करें, तो इंश्योरेंस कंपनी ऐसा नहीं कर सकती है। इसके लिए भी समय तय किया गया है।

IRDA लोगों को झेलनी पड़ती है परेशानी

जब तक बीमाकर्ता बिलों पर साइन नहीं कर देता, तब तक अस्पताल आपको छुट्टी नहीं देगा। अगर इसमें कुछ और घंटे लगते हैं, तो आपको अस्पताल में एक और रात बितानी पड़ सकती है और इससे आपका अस्पताल का बिल भी बढ़ जाएगा। ऐसे ही मामलों में IRDAI के नियम मरीजों के लिए मददगार साबित होंगे।

हेल्थ इंश्योरेंस को तीन घंटे तक का समय

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्डर के लिए इस बोझिल अनुभव को बदलने के लिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने कहा है कि बीमाकर्ता को अस्पताल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट की रसीद प्राप्त होने के तीन घंटे के भीतर अंतिम अथॉराइजेशन प्रदान करना होगा। ईटी के अनुसार, नियामक ने 29 मई, 2024 को जारी मास्टर सर्कुलर में कहा कि किसी भी स्थिति में पॉलिसीधारक को अस्पताल से छुट्टी मिलने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। IRDAI के अनुसार, यदि तीन घंटे से अधिक की देरी होती है और हॉस्पिटल एक्स्ट्रा चार्ज लेता है, तो अतिरिक्त राशि बीमाकर्ता द्वारा शेयरधारक के फंड से वहन की जाएगी।
रेगुलेटर ने कहा कि इलाज के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु होने की स्थिति में बीमाकर्ता क्लेम सेटलमेंट रिक्वेस्ट पर तुरंक कार्रवाई करेगा। साथ ही पार्थिव शरीर को तुरंत अस्पताल से निकलवाएगा।

IRDAI ने बीमा कंपनियों 100 फीसदी कैशलेस सेटलमेंट

इसके अलावा, IRDAI ने बीमा कंपनियों से तय समय के भीतर 100 फीसदी कैशलेस क्लेम सेटलमेंट करने को कहा है। आपातकालीन मामलों में बीमाकर्ता को अनुरोध प्राप्त होने के एक घंटे के भीतर तुरंत कैशलेस अथॉराइजेशन रिक्वेस्ट पर फैसला लेना चाहिए। IRDAI ने बीमाकर्ताओं से यह लक्ष्य हासिल करने के लिए 31 जुलाई, 2024 तक तुरंत आवश्यक प्रोडक्ट को स्थापित करने को भी कहा है। बीमाकर्ता कैशलेस से सेटलमेंट और सहायता के लिए अस्पताल में फिजिकल मोड में हेल्प डेस्क की व्यवस्था कर सकते हैं।
इसके अलावा, नियामक ने बीमाकर्ताओं से पॉलिसीधारक को डिजिटल मोड के जरिए प्री अथॉराइजेशन प्रोसेस प्रोवाइड करने के लिए भी कहा। प्री अथॉराइजेशन प्रोसेस का मतलब आमतौर पर बीमाकर्ता द्वारा एक प्रारंभिक राशि मंजूर की गई है साथ ही एक सहमति पत्र या पावती भी कि अस्पताल से प्राप्त अंतिम चालान के अधीन क्लेम का पेमेंट किया जाएगा।

ऐसे खारिज नहीं हो सकता हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम

हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम का सेटलमेंट कैसे किया जाए, इस पर रेगुलटरी बॉडी का कहना है कि पीएमसी या पीएमसी के तीन सदस्यीय सब-ग्रुप जिसे क्लेम रिव्यू कमेटी (CRC) कहा जाता है, उनकी मंजूरी के बिना कोई भी क्लेम खारिज नहीं किया जाएगा। अगर क्लेम को आंशिक रूप से खारिज या स्वीकार नहीं किया जाता है, तो पॉलिसी डॉक्यूमेंट के विशिष्ट नियमों और शर्तों का संदर्भ देते हुए पूरी जानकारी के साथ दावेदार को डिटेल्स दी जाएगी।
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Rohit Ojha author

रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें

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