बिल्डर से नहीं मिला घर,अटका है प्रोजेक्ट,ये 4 तरीके आएंगे काम

Home buyers can take these actions if their project is stuck: घर मिलने में देरी का शिकायत रियल एस्टेट रेग्युलेटर RERA में की जा सकती है। इसके तहत रेरा के पास अधिकार है कि वह प्रोजेक्ट में देरी होने पर खरीददार को ब्याज देने का आदेश दे सकता है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने स्वामी निवेश फंड को भी शुरू किया है।

Stuck housing projects

अटके प्रोजेक्ट पर मिल सकती है राहत

Home buyers can take these actions if their project is stuck: दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई प्रमुख शहरों में घर खरीददारों की सबसे बड़ी समस्या टाइम पर घर नहीं मिलना है। आलम यह है कि कई घर खरीदार देरी के कारण होम लोन की ईएमआई भी चुका रहे हैं और किराया भी दे रहे हैं। यानी उन पर दोहरी मार पड़ रही है। वर्षों से लोग अपने घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनका इस्तेमाल घर मिलने या उसके बदले पैसे मिलने का राह खुल सकती है।

RERA के पास करें शिकायत

घर मिलने में देरी का शिकायत रियल एस्टेट रेग्युलेटर RERA में की जा सकती है। इसके तहत रेरा के पास अधिकार है कि वह प्रोजेक्ट में देरी होने पर खरीददार को ब्याज देने का आदेश दे सकता है। इसके अलावा अगर प्रोजेक्ट लंबा अटकने की संभावना दिखती है तो पूरी राशि ब्याज के साथ रिफंड के रुप में पाने का भी अधिकार दे सकता है।

स्वामी फंड से मिल सकती है मदद

साल 2019 में केंद्र सरकार ने घर खरीददारों को सहयोग के लिए सस्ते और मध्यम आय वाले आवास (स्वामी) निवेश फंड को लांच किया था। इसके तहत पहली बार के डेवलपर्स, परेशानी में घिरी परियोजनाओं वाले स्थापित डेवलपर्स, रुकी हुई परियोजनाओं, ग्राहकों की शिकायतों और एनपीए खातों के मामले में खराब ट्रैक रिकॉर्ड वाले डेवलपर्स, और जिन परियोजनाओं में मुकदमेबाजी भी चल रही है उन्हें भी फंडिंग देने पर विचार करता है। 4 मार्च 2023 तक के आंकड़ों के अब तक कबी 130 परियोजनाओं को 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई है। बीते तीन वर्षों में इस फंड से 20,557 घरों का निर्माण पूरा किया गया है। और अगले तीन साल में 30, टियर 1 और 2 शहरों में 81,000 से अधिक घरों को पूरा करने का टारगेट है।

उपभोक्ता फोरम में करें शिकायत

अगर बिल्डर घर का पजेशन देने में देरी कर रहा है। तो उपभोक्ता उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत कर सकते हैं। इसके तहत 20 लाख रुपये तक के घर के लिए जिला स्तर, 20 लाख से ज्यादा और एक करोड़ तक की कीमत वाले घर के लिए राज्य स्तर और उससे ज्यादा की कीमत वाले घर के लिए राष्ट्रीय आयोग में शिकायत की जा सकती है।

FIR भी है विकल्प

इसके अलावा बिल्डर के खिलाफ FIR करने का भी विकल्प होता है। इसके अलावा आर्थिक अपराधा शाखा में भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इनके जरिए बिल्डर पर घर जल्द से जल्द पूरा करने या फिर पैसा रिफंड करने का दबाव बनाया जा सकता है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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