Job in florigen Countries: विदेश में जॉब दिलाने के नाम पर हो रही ठगी, जानें क्या है दूसरे देशों में नौकरी पाने का सही तरीका

Job in florigen Countries: विदेश मंत्रालय ने 14 दिसंबर 2023 को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बिना रजिस्टर्ड भर्ती एजेंटों ने लोगों को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे हैं। मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि नौकरी के लिए वो ऐसे एजेंटों के साथ जुड़े, जो विदेश मंत्रालय के साथ रजिस्टर्ड हैं।

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Job in florigen Countries: विदेशों में नौकरी को लेकर देश में एक अलग तरह का आकर्षण है। यह आकर्षण ऐसा है कि लोग फर्जी एजेंटों को लाखों रुपये दे देते हैं। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि विदेशी नौकरी का वादा इतना आकर्षक है कि लोगों ने फर्जी एजेंटों को पांच-पांच लाख रुपये तक दे दिए हैं। विदेश मंत्रालय ने 14 दिसंबर 2023 को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बिना रजिस्टर्ड भर्ती एजेंटों ने लोगों को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे हैं। धोखाधड़ी की इन घटनाओं के मद्देनजर, विदेश मंत्रालय ने लोगों को बताया है कि अगर वो विदेश में नौकरी करना चाहते हैं, तो इसके लिए सही तरीका क्या है।

मंत्रालय ने लोगों से की अपील

मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि नौकरी के लिए वो ऐसे एजेंटों के साथ जुड़े, जो विदेश मंत्रालय के साथ रजिस्टर्ड हैं। मंत्रालाय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि नौकरी चाहने वाले व्यक्तियों से अनुरोध है कि वे केवल रजिस्टर्ड भर्ती एजेंटों (RA) की सुरक्षित और कानूनी सेवाओं का उपयोग करें। सभी पंजीकृत आरए को एक लाइसेंस नंबर जारी किया जाता है, जिसे उनके कार्यालय परिसर और समाचार पत्रों और सोशल मीडिया सहित उनके विज्ञापनों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है।

रजिस्टर्ड एजेंटों को कैसे ढूंढें

विदेश मंत्रालय ने सलाह दी है कि वास्तविक विदेशी भर्ती एजेंटों को कैसे खोजा जाए। विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि संभावित प्रवासियों को सलाह दी जाती है कि वे सरकारी वेबसाइट www.emigrate.gov.in पर जाकर आरए की वास्तविकता की जांच करें और एक्टिव आरए की लिस्ट लिंक पर क्लिक करें। मंत्रालय के अनुसार, विदेशों नें नौकरी दिलाने के लिए एजेंट 30,000 रुपये से अधिक शुल्क नहीं ले सकते।

सोशल मीडिया का इस्तेमाल

फर्जी एजेंट अक्सर धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी एजेंसियां अपने ठिकानों और संपर्कों के बारे में बहुत कम या कोई डिटेल्स नहीं देती हैं। वे आमतौर पर केवल व्हाट्सएप के जरिए बातचीत करते हैं। इसे उनके लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

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