Gold Loan: पर्सनल लोन से कैसे बेहतर है गोल्ड लोन, ऐसे कैलकुलेट होती है आपकी लिमिट

भारत में गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अचानक जरूरत पड़ने पर लोग जब विभिन्न प्रकार के लोन ऑप्शंस खोजते हैं तो उनमें गोल्ड लोन का ऑप्शन भी होता है। गोल्ड लोन अन्य ऑप्शंस के मुकाबले काफी बेहतर और सुरक्षित माना जाता है। आइये जानते हैं कि पर्सनल लोन के मुकालबे गोल्ड लोन कैसे बेहतर होता है और कैसे तय होता है कि आपके गोल्ड के बदले आपको कितना लोन दिया जाएगा।

पर्सनल लोन से कैसे बेहतर है गोल्ड लोन, ऐसे कैलकुलेट होती है आपकी लिमिट

Gold Loan: भारत में गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA के मुताबिक सालाना तौर पर गोल्ड लोन मार्केट में 8.45% की बढ़त देखने को मिली है। कोई भी इंसान लोन तभी खोजता है जब अचानक कोई वित्तीय समस्या आ खड़ी हो। आमतौर पर लोग ऐसे समय में पर्सनल लोन का ऑप्शन खोजते हैं। लेकिन गोल्ड लोन को अन्य ऑप्शंस के मुकाबले काफी बेहतर और सुरक्षित भी माना जाता है। आज हम आपको बतायेंगे कि पर्सनल लोन के मुकाबले गोल्ड लोन कैसे बेहतर होता है और आपके गोल्ड पर दिए जाने वाले लोन की लिमिट कैसे तय होती है?

पर्सनल लोन बनाम गोल्ड लोन

पर्सनल लोन में आमतौर पर इंटरेस्ट रेट काफी ज्यादा होता है। इतना ही नहीं, पर्सनल लोन लेने के लिए योग्यता से संबंधित नियम और शर्तों में काफी कठिनाई होती है जिस वजह से लोगों को काफी परेशानी भी होती है। पर्सनल लोन क्रेडिट स्कोर, कमाई जैसे फैक्टर्स के आधार पर तय किया जाता है। दूसरी तरफ गोल्ड लोन का इंटरेस्ट रेट पर्सनल लोन के इंटरेस्ट रेट से काफी कम हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप गोल्ड लोन किस संस्था से ले रहे हैं। गोल्ड लोन की योग्यता के नियम ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं और इन्हीं सब वजहों से गोल्ड लोन को पर्सनल लोन के मुकाबले बेहतर माना जाता है।

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