Heatwave: आपकी जेब पर पड़ सकता है हीटवेव का असर, जरूरत की इन चीजों की बढ़ जाएगी कीमत
Heatwave: भारतीय मौसम विभाग का हीटवेव को लेकर पूर्वानुमान कंज्यूमर्स की जेब पर बोझ डाल सकता है। लगातार बढ़ता तापमान कई सारी चीजों में बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है, जिससे आम लोगों का घरेलू बजट बिगड़ सकता है। पिछले साल, अप्रैल-जून तिमाही में सामान्य से अधिक तापमान के कारण टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतें बढ़ गई थीं।
सांकेतिक फोटो।
Heatwave in India: देश के कई राज्यों में फिलहाल भीषण गर्मी पड़ रही है। अप्रैल-जून 2024 की तिमाही में भारतीय मौसम विभाग का हीटवेव को लेकर पूर्वानुमान कंज्यूमर्स की जेब पर बोझ डाल सकता है। लगातार बढ़ता तापमान कई सारी चीजों में बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है, जिससे आम लोगों का घरेलू बजट बिगड़ सकता है। बिजली के बिल से लेकर फलों और सब्जियों तक पर हीटवेव का असर देखने को मिल सकता है। हीटवेव का बुरा असर कृषि और खाने-पीने की वस्तुओं के पर पड़ सकता है।
हीटवेव का असर आपकी जेब पर कैसे
गेहूं भारत में प्रमुख खाद्य फसल है, इसके उत्पादन पर किसी भी तरह का प्रभाव सीधे पूरे भारत में रोजाना खाई जाने वाली रोटियों पर पड़ सकता है। वहीं, चना भारतीयों के लिए प्रोटीन का एक किफायती स्रोत है और उत्पादन बाधाओं के कारण कीमत में कोई भी उतार-चढ़ाव आम उपभोक्ता के बजट को प्रभावित कर सकता है। रेपसीड खाद्य तेल के साथ-साथ मवेशियों के लिए चारे का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो फिर से उपभोक्ता की पोषण योजना और जेब को प्रभावित कर सकता है। क्योंकि इससे दूध उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है।
सब्जियों की कीमतें
पिछले साल, अप्रैल-जून तिमाही में सामान्य से अधिक तापमान के कारण टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतें बढ़ गई थीं। महंगाई दर के बास्केट में सब्जियां एक समस्या बनी हुई हैं। क्योंकि गर्मी के महीने में सब्जियां जल्दी खराब होती हैं। इस वजह से इस साल भी गर्मी के मौसम में सब्जियों की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है।
खरीफ सीजन की फसल
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर गर्मी का असर मॉनसून पर पड़ता है, तो जलाशयों के घटने से खरीफ सीजन की फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं। हीटवेव की वजह से जून तिमाही में बिजली की खपत बढ़ सकती और इसका असर आम लोगों के बिजल बिल में नजर आएगा।
क्या है हीटवेव
देश का मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जब मैदानी इलाकों में तापमान मैक्सिमम 40 डिग्री, तटीय क्षेत्रों का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तब हीट वेव यानी लू चलने लगती है। अगर तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री अधिक हो जाता है तो भीषण गर्मी की लहर घोषित की जाती है। यानी अगर टेंपरेचर 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे खतरनाक लू की कैटेगरी में रखा जाता है।
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