Insurance Surrender Rules: इंश्योरेंस सरेंडर करने के नियमों में बदलाव, जानिए अब आप पर क्या होगा इसका असर

Insurance Surrender Rules: IRDAI ने पॉलिसी सरेंडर पर निश्चित रिटर्न की गारंटी देते हुए सरेंडर वैल्यू से जुड़े नए नियम तय किए हैं। IRDAI इस फैसले से बड़े पैमाने पर हो रही इंश्योरेंस की बिक्री पर रोक लगाना है। हालांकि, इस बदलाव से पॉलिसी सरेंडर वैल्यू पर कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा।

Insurance Rules Updated

इंश्योरेंस के नए नियम

Insurance Surrender Rules: बीमा नियामक IRDAI ने जीवन बीमा पॉलिसियों के सरेंडर वैल्यू से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के तहत अगर मैच्योरिटी से पहले पॉलिसी क्लोज की जाती है, तो भुगतान किए गए प्रीमियम का कुछ हिस्सा वापस कर दिया जाएगा। नए नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो गए हैं। हालांकि, इस बदलाव से पॉलिसी सरेंडर वैल्यू पर कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन सरेंडर वैल्यू के कैलकुलेशन में थोड़ा अंतर जरूर आ सकता है।

कितना मिलेगा रिटर्न

IRDAI ने पॉलिसी सरेंडर पर निश्चित रिटर्न की गारंटी देते हुए सरेंडर वैल्यू से जुड़े नए नियम तय किए हैं। नई व्यवस्था के तहत पॉलिसीधारकों को तभी फायदा होगा जब पॉलिसी बहुत पुरानी हो। दूसरे वर्ष में पॉलिसी सरेंडर करने पर 30 फीसदी पेमेंट वैल्यू मिलेगा। यह भुगतान किए गए कुल प्रीमियम के 30 प्रतिशत के बराबर होगा। सरेंडर वैल्यू पेमेंट के लिए पॉलिसीधारकों को पहले 2 प्रीमियम जमा करने होंगे। तीसरे साल की पॉलिसी सरेंडर करने पर 35 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा। चौथे और सातवें साल के बीच पॉलिसी सरेंडर करने पर प्रीमियम का 50 प्रतिशत भुगतान होगा। मैच्योरिटी से 2 साल पहले तक पॉलिसी सरेंडर करने पर ग्राहकों को 90 प्रतिशत भुगतान मिलेगा।

सरेंडर वैल्यू सिंगल प्रीमियम पॉलिसियों के लिए नियम

अगर सरेंडर की गई पॉलिसी सिंगल प्रीमियम वाली है, तो सरेंडर वैल्यू नियम इस प्रकार हैं- आप इस पॉलिसी को 2 साल के बाद कुल प्रीमियम के 75 प्रतिशत रिटर्न के लिए सरेंडर कर सकते हैं। अगर पॉलिसी को आखिरी के दो साल में सरेंडर करते है, तो भुगतान किए गए प्रीमियम का 90 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा।

इंश्योरेंस की गलत बिक्री पर रोक

IRDAI इस फैसले से बड़े पैमाने पर हो रही इंश्योरेंस की बिक्री पर रोक लगाना है। बीमाकर्ता पॉलिसी एजेंटों को प्रोत्साहन देने के लिए सरेंडर मूल्य वसूलते हैं। कमीशन कम करने से बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जब भी इंश्योरेंस खरीदें तो नियमों को ध्यान से पढ़ें। बीमा समझदारी से खरीदें किसी एजेंट के दबाव में आकर पॉलिसी न खरीदें और समय से पहले पॉलिसी बंद करने से बचें। रिटर्न के लिए बीमा न खरीदें क्योंकि बीमा और निवेश अलग-अलग हैं।
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