Home Loan Interest Rate: आखिर कब तक ब्याज दर में कटौती का करना पड़ेगा इंतजार, होम लोन वालों को कब मिलेगी राहत
Home Loan Interest Rate: मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद होम लोन पर ब्याज दर में तेजी से इजाफा देखने को मिला था। बढ़ती ब्याज दरों के चलते लोन ले चुके लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया, क्योंकि उनकी ईएमआई बढ़ गई।
Home Loan Interest Rate: होम लोन की उच्च ब्याज दर से फिलहाल राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ब्याज दर पर राहत मिलने का इंतजार होम लोन वालों के लिए कुछ और लंबा हो सकता है। बीते दिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद एक बार फिर से रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.5 फीसदी की दर पर बरकरार है। यह लगातार आठवीं बार है, जब मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट को यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है।
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बरकरार रखा
मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद होम लोन पर ब्याज दर में तेजी से इजाफा देखने को मिला था। बढ़ती ब्याज दरों के चलते लोन ले चुके लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया, क्योंकि उनकी ईएमआई बढ़ गई। इसके बाद से उधारकर्ताओं को ब्याज दर में कटौती का इंतजार है और इंतजार की मियाद खत्म नहीं हो रही है।
रेपो रेट में ठहराव
ज्यादार एक्सपर्ट्स इस बात पर सहमत हैं कि ब्याज दर वृद्धि चक्र लगभग समाप्त हो चुका है और अब आने वाले दिनों में इसमें कटौती देखने को मिल सकती है। हालांकि, एक बार फिर से रेपो रेट में ठहराव ने ब्याज दर में गिरावट के चक्र की शुरुआत को लंबे इंतजार में बदल दिया है। अब ब्याज दर में कटौती के लिए कितना इंतजार करना होगा। अगर इस साल ब्याज दर में कटौती होती है, तो कितनी होगी। ऐसे में आपको अपने होम लोन के साथ क्या करना चाहिए, आइए समझ लेते हैं।
महंगाई दर अहम फैक्टर्स
महंगाई दर रिजर्व बैंक के पॉलिसी एक्शन को निर्धारित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर्स में से एक है। जब अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी पर अडिग थी, तो केंद्रीय बैंक ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक दरों में बढ़ोतरी की और रेपो रेट में 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ। इसके बाद पॉलिसी रेट स्थिर बनी हुई है। इसके पीछे की वजह यह है कि रिजर्व बैंक खुदरा महंगाई दर को लगातार 4 फीसदी (- + 2%) के अपने कंफर्ट लेवल पर आने का इंतजार कर रहा है।
एक्सपर्ट्स की मानें, तो रिटेल महंगाई दर जब 4.5 फीसदी के आसपास नरम हो जाएगी और 4 से 4.5 फीसदी के बीच स्थिर हो जाएगी, तो रेपो दर में कटौती हो सकती है। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.83 फीसदी रही थी।
कब हो सकती है कटौती
ईटी के अनुसार, एंड्रोमेडा सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन के को-सीईओ राउल कपूर कहते हैं कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरबीआई एमपीसी वित्त वर्ष 2025 की अगली कुछ बैठकों के लिए के लिए रेपो रेट पर विराम को बनाए रख सकता है। इसमें लिक्विडिटी मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस साल सामान्य मानसून फूड महंगाई दर को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। रिजर्व बैंक ने इस बात पर भी जोर दिया कि ब्याज दरों में कटौती के मामले में फेड का अंधाधुंध अनुसरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि वे स्थानीय विकास और महंगाई दर को अधिक महत्व देंगे। इसलिए जानकारों का मानना है कि वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में ब्याज दर में कटौती देखने को मिल सकती है।
होम लोन वालों को क्यों है इंतजार
ब्याज दर में कोई भी गिरावट होम लोन लेने वालों के लिए काफी बचत लेकर आएगी। ब्याज दर में गिरावट के बाद आपके होम लोन पर दो अलग-अलग तरीके से असर पड़ेगा। पहला विकल्प यह है कि ब्याज दर में कटौती के बावजूद उसी EMI का भुगतान करते रहें क्योंकि इससे आप तेजी से अपने लोन को चुका पाएंगे। दूसरा विकल्प यह है कि अवधि को बरकरार रखें और कम EMI का विकल्प चुनें। हालांकि, इस विकल्प में आपको पहले वाले विकल्प से ज़्यादा ब्याज देना होगा। इसलिए, कम EMI का विकल्प तभी चुनें जब आप किसी बड़ी समस्या का सामना कर रहे हों।
कैसे मिलेगा कम ब्याज दर का अधिक लाभ
अगर आप कम होती ब्याज दर चक्र से अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आपका लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क-लिंक्ड लेंडिंग रेट (EBLR) है। अपने बैंक से इस चीज की जांच करें। अगर आपका लोन BPLR, बेस रेट या MCLR जैसी किसी अन्य पुरानी व्यवस्था के तहत है, तो आपको लोन रिजीम को EBLR में बदलने के लिए आवेदन करना होगा। अगर आपने NBFC या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से होम लोन लिया है, तो आपको EBLR पर स्विच करने का विकल्प नहीं मिलेगा।
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रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर ...और देखें
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