Saving Scheme: पीपीएफ में निवेश कर 15 साल में जमा कर पाएंगे कितना पैसा, समझ लीजिए हिसाब-किताब

PPF Long Term Saving Scheme: यह एक लॉन्ग टर्म निवेश स्कीम है। इसमें आप निवेश कर अपने भविष्य के लिए मोटा फंड जमा कर सकते हैं। इस स्कीम के कई बेनिफिट्स भी हैं। इस स्कीम में निवेश कर आप इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट भी पा सकते हैं।

PPF Investment

PPF Investment

PPF Long Term Saving Scheme: आर्थिक रूप से अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हम नौकरी के दौरान कई स्कीम्स निवेश करते हैं। ऐसी ही एक स्कीम है पब्लिक प्रोविडेंड फंड (PPF), इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने निवेश कर रखा है। यह एक लॉन्ग टर्म निवेश स्कीम है। इसमें आप निवेश कर अपने भविष्य के लिए मोटा फंड जमा कर सकते हैं। इस स्कीम के कई बेनिफिट्स भी हैं। इस स्कीम की मैच्योरिटी की अवधि 15 साल है। आइए जानते हैं कि पीपीएफ में निवेश कर आप 15 साल में कितना पैसा जमा कर सकता है।

पीपीएफ में निवेश की राशि पर सरकार 7.1 फीसदी की दर से सालाना ब्याज दे रही है। इस स्कीम में निवेश से मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स नहीं लगता है और कंपाउंट इंटरेस्ट का बेनेफिट भी मिलता है।

15 साल में मिलेगा कितना पैसा?

मान लीजिए एक व्यक्ति साल में 1,50,000 रुपये की राशि पीपीएफ में निवेश करता है। तो 7.1 फीसदी की ब्याज दर के अनुसार, 15 साल में वो 40 लाख रुपये की राशि जमा कर लेगा। मतलब जब यह स्कीम मैच्योर होगी, तो उसे 40,68,209 रुपये की राशि मिलेगी। इसमें 22,49,985 रुपये आपकी निवेश की राशि होगी और 18,18,197 रुपये आपको ब्याज के रूप में मिलेंगे। इस तरह 15 साल में आप 40 लाख रुपये पीपीएफ में निवेश कर जमा कर लेंगे।

टैक्स पर छूट

इस स्कीम में निवेश कर आप इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट भी पा सकते हैं। पीपीएफ में एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है। आप इस स्कीम में जमा रकम के आधार पर लोन भी ले सकते हैं। इसके अलावा पीपीएफ में प्री-मैच्योरिटी निकासी की सुविधा भी है। किसी भी पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाकर आप पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं और निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।

कहां खुलेगा खाता

पीपीएफ में एक व्यक्ति सिर्फ एक बार ही खाता खुलवा सकता है। इसमें 100 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। खाता खुलवाने के बाद आपको हर साल मिनिमम 500 रुपये इसमें जमा करना होगा। यह स्कीम 15 साल में मैच्योर होती है। हालांकि, इसे पांच-पांच साल के लिए दो बार आगे बढ़ाया जा सकता है।

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