Digital payments: क्रेडिट कार्ड और UIP से होने वाले फ्रॉड पर लगेगी लगाम, जानिए आपके आधार का क्या होगा रोल
Digital payments using Aadhaar: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि, हालांकि आरबीआई ने कोई विशेष एएफए निर्धारित नहीं किया है। पेमेंट इकोसिस्टम ने बड़े पैमाने पर एसएमएस-आधारित वन टाइम पासवर्ड (OTP) को अपनाया है। रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
Digital payments using Aadhaar: डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाले फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और मजबूत करने की तैयारी में है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गुरुवार को प्रस्ताव दिया कि आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AePS) सर्विस प्रोवाइडर की ऑनबोर्डिंग को व्यवस्थित किया जाएगा। इसके जरिए फ्रॉड को रोकने के लिए उपाय पेश किए जाएंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी के दौरान यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक ने डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन की जरूरत को विशेष रूप से तरजीह दी है।
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम एक बैंक-आधारित मॉडल है जो आधार के ऑथेंटिकेशन का उपयोग कर किसी भी बैंक के बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट के जरिए प्वाइंट-ऑफ-सेल (POS) और माइक्रो एटीएम पर ऑनलाइन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की अनुमति देता है। यह ओटीपी, बैंक अकाउंट डिटेल्स और अन्य वित्तीय विवरण की जरूरत को खत्म कर देता है।
पेमेंट इकोसिस्टम
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि, हालांकि आरबीआई ने कोई विशेष एएफए निर्धारित नहीं किया है। पेमेंट इकोसिस्टम ने बड़े पैमाने पर एसएमएस-आधारित वन टाइम पासवर्ड (OTP) को अपनाया है। टेक्नोलॉजी में इनोवेशन के साथ हाल के साल में वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन सिस्टम उभरे हैं। डिजिटल सुरक्षा के लिए ऐसे तंत्रों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए, डिजिटल पेमेंट लेनदेन के ऑथेंटिकेशन के लिए एक प्रिंसिपल बेस्डरूपरेखा अपनाने का प्रस्ताव है। इस संबंध में निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। अतिरिक्त धोखाधड़ी जोखिम की जरूरतों पर भी विचार किया जाएगा।
धोखाधड़ी की गतिविधियां होंगी कम
आसान भाषा में समझें, तो रिजर्व बैंक की नई घोषणाओं का उद्देश्य भविष्य में भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को उभरते जोखिमों से बचाना है। क्रेडिट कार्ड और यूपीआई लेनदेन के लिए आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन की शुरुआत ट्रेसेबिलिटी को सक्षम करके धोखाधड़ी की गतिविधियों को कम करेगी।
रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से दर में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
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