Leap Year FD Rate: लीप ईयर में कैसे कैलकुलेट होती है FD की ब्याज दर, समझें पूरा हिसाब-किताब
FD rate calculation in a leap year: क्या आपने कभी सोचा है कि सालाना आधार पर मिलने वाली ब्याज दर को लीप ईयर यानी जिस साल 365 नहीं 366 दिन होते हैं, तब कैसे कैलकुलेट किया जाता है। साल 2024 लीप ईयर है, क्योंकि फरवरी इस बार 29 दिनों की है।
Bank FD Rates
FD rate calculation in a leap year: आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि इसमें रिर्टन के साथ निवेश की राशि भी सुरक्षित रहती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सालाना आधार पर मिलने वाली ब्याज दर को लीप ईयर यानी जिस साल 365 नहीं 366 दिन होते हैं, तब कैसे कैलकुलेट किया जाता है। लीप ईयर हर साल में आते हैं। साल 2024 लीप ईयर है, क्योंकि फरवरी इस बार 29 दिनों की है। तो चलिए समझ लेते हैं लीप ईयर में FD की ब्याज दर को कैसे कैलकुलेट किया जाता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक ऑप बड़ौदा के अनुसार, घरेलू फिक्स्ड डिपॉजिट (एक साल से अधिक की डिपॉजिट अवधि) के सभी मामलों में ब्याज की गणना पूरी तिमाही और दिनों की संख्या के तहत की जानी चाहिए। साल का कैलकुलेशन 365/366 दिन यानी ब्याज की गणना ऐसी डिपॉजिट पर तिमाहियों और दिनों के क्रम में होना चाहिए। 2 तिमाही और उससे अधिक की डिपॉजिट के लिए ब्याज का कैलकुलेशन पूरी तरह से तिमाही के आधार पर की जाती है। जहां टर्मिनल तिमाही अधूरी है, वहां ब्याज की गणना वर्ष के 365/366 दिनों की वास्तविक संख्या के अनुपात में की जाती है।
रसीद में मैच्योरिटी राशि बिना टीडीएस इफेक्ट के ही दर्ज की जाती है। आधे साल (तिमाही कंपाउंड) के लिए ब्याज की गणना करते समय पिछले आधे वर्ष (तिमाही कंपाउंड) के लिए कैलकुलेट किए गए ब्याज में से टीडीएस घटाकर मौजूदा छमाही की ब्याज की मूल राशि में जोड़ा जाएगा।
2 तिमाही से कम की डिपॉजिट
2 तिमाही से कम लेकिन 1 तिमाही से अधिक की छोटी डिपॉजिट के लिए पूरी तिमाही के लिए साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा। साल के शेष दिनों के लिए 365-366 दिन पर (चक्रवृद्धि ब्याज के बिना) ब्याज दिया जाएगा। एक तिमाही से कम की छोटी डिपॉजिट पर ब्याज का कैलकुलेशन साल के वास्तविक दिनों की संख्या 365-366 के अनुपात में की जाती है।
एचडीएफसी बैंक
एक वर्ष में दिनों की वास्तविक संख्या वह आधार है जिसके आधार पर एचडीएफसी बैंक ब्याज की गणना करता है। एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, साल में दिनों की वास्तविक संख्या के आधार पर ब्याज को कैलकुलेट किया जाता है। अगर डिपॉजिट लीप और नॉन लीप ईयर में है, तो ब्याज की गणना दिनों की संख्या के आधार पर की जाती है। यानी लीप वर्ष में 366 दिन और गैर-लीप वर्ष में 365 दिन।
ऐसे समझें
साल में दिनों की संख्या 365
एफडी प्रिंसिपल- 10,0000
ब्याज दर - 4.5 फीसदी
एफडी अवधि - 180 दिन
ब्याज भुगतान – 100000*180*4.5%/365 = 2219.17
लीप ईयपर में दिनों की संख्या 366
एफडी प्रिंसिपल - 100000
ब्याज दर - 4.5 फीसदी
एफडी अवधि - 180 दिन (लीप महीना को जोड़कर)
ब्याज भुगतान - 100000*180*4.5%/366 = 2213,11
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