एरियर पर लगने वाले टैक्स से कैसे बचें? ITR फाइल करने से पहले जरूर जानें

How To Save Tax On Arrears Of Salary: इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 89(1) के तहत इनकम में से एरियर या एक्स्ट्रा पेमेंट को घटाया जाता है और फिर बाकी इनकम पर टैक्स की कैलकुलेशन होती है।

एरियर पर टैक्स बेनेफिट का क्लेम कैसे करें

मुख्य बातें
  • एरियर पर मिलती है टैक्स छूट
  • भरना होता है एक फॉर्म
  • फॉर्म न भरने पर नहीं मिलेगी छूट

How To Save Tax On Arrears Of Salary: अधिकतर आईटीआर (ITR) फाइल करने वाले टैक्सपेयर हर तरह की टैक्स छूट के बारे में नहीं जानते। लोगों को एरियर (बकाया पैसा) या एक्स्ट्रा पेमेंट के कारण बढ़ी टैक्स देनदारी को कम करने के तरीकों के बारे में नहीं पता होता। एरियर या एक्स्ट्रा इनकम किसी वित्त वर्ष की आपकी कुल इनकम में जुड़ जाती है, जिससे अधिक टैक्स देना पड़ सकता है।

पेंशन, सैलरी, किराया या किसी तरह की ऐसी इनकम जो काफी समय से रुकी थी, उसे एरियर कहते हैं। आपको ये रुका हुआ पैसा जिस वित्त वर्ष में मिलेगा उसी वित्त वर्ष आपकी टैक्स लायबिलिटी में इजाफा हो जाएगा। मगर आप इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 89(1) के तहत एरियर पर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं। आगे जानिए कैसे।

कैसे मिलता है फायदा

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 89(1) के तहत इनकम में से एरियर या एक्स्ट्रा पेमेंट को घटाया जाता है और फिर बाकी इनकम पर टैक्स की कैलकुलेशन होती है। इसका फॉर्मूला यह है कि पहले उस साल की टैक्स लायबिलिटी देखी जाएगी जिस साल एरियर मिला। फिर उस साल की टैक्स लायबिलिटी देखी जाएगी, जिस साल का एरियर मिला। इन टैक्स लायबिलिटी का जो अंतर होगा, उस पर टैक्स छूट मिल जाएगी।

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