FD पर मिलने वाले ब्याज पर नही लगेगा टैक्स, अपनाएं ये जबरदस्त तरीका
आप आसानी से टैक्स से बच सकते हैं। अगर आपकी सालाना आमदनी पांच लाख रुपये से कम है, तो आप फॉर्म 15G/15H जमा कर सकते TDS से बच सकते हैं। फॉर्म 15G/15H जमा करने से FD से मिलने वाली ब्याज की राशि पर TDS नहीं कटेगा, क्योंकि आपकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है।
अगर आपका फिक्स्ड डिपॉजिट कुछ महीनों में मैच्योर होने वाला है और आप उसपर लगने वाले टैक्स को लेकर चिंतत हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। दरअसल, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज पर स्लैब रेट के अनुसार, सरचार्ज और सैस के साथ टैक्स भी लगता है। लेकिन आप आसानी से टैक्स से बच सकते हैं। अगर आपकी सालाना आमदनी पांच लाख रुपये से कम है, तो आप फॉर्म 15G/15H जमा कर सकते TDS से बच सकते हैं। फॉर्म 15G/15H जमा करने से FD से मिलने वाली ब्याज की राशि पर TDS नहीं कटेगा, क्योंकि आपकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है।
ऐसे बचा सकते हैं टैक्स
अगर आप अलग-अलग बैंक और ब्रॉन्च में FD अकाउंट खोलते हैं, तो आप टैक्स से बच सकते हैं। मान लीजिए कि आप दो लाख रुपये की FD करना चाहते हैं। इस निवेश की रकम पर अगर बैंक 10 फीसदी सालाना की दर से ब्याज ऑफर कर रहा है, तो आपको हर साल 20 हजार रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे। क्योंकि ब्याज की राशि 10 हजार रुपये से अधिक है। इसलिए बैंक TDS काटेगा। लेकिन अगर आप दो लाख रुपये की FD तीन अलग-अलग बैंकों में कराते हैं, तो बैंक TDS नहीं काटेगा, क्योंकि ब्याज की राशि 10 हजार रुपये से अधिक नहीं होगी।
रिफंड के लिए क्लेम
आप टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं और बैंक ने फिर भी TDS काट लिया है। ऐसे में आप इनकम टैक्स विभाग के पास राशि की रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं। बैंक ब्याज देने से पहले TDS का कैलकुलेशन कर लेता है। इसलिए FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स सालाना आधार पर ही भरना चाहिए। FD पर मिलने वाले ब्याज को आपकी कुल कमाई में जोड़ा जाता है। फिर जिस टैक्स स्लैब में आप आते हैं, उसी अनुसार टैक्स लगाया जाता है।
आमतौर पर लोग अपनी राशि को सुरक्षित रखने के लिए FD में निवेश करना पसंद करते हैं। हालांकि, हाल के महीने में देश के प्राइवेट और सरकारी दोनों सेक्टर के बैंकों ने FD की ब्याज दरों में इजाफा किया है। बैंक लोगों को लुभाने के लिए लगातार अपनी FD स्कीम को आकर्षक बना रहे हैं।
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