ULI: लोन के लिए RBI लेकर आ रहा ULI, जानिए कैसे करेगा काम और क्या होगा फायदा

ULI: यह भारत के लोन सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है। यूएलआई का उद्देश्य क्रेडिट अप्रेजल प्रोसेस को आसान और तेज बनाना है और खास तौर पर छोटे उधारकर्ताओं के लिए बेहद कारगर साबित होगा। यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस कैसे काम करेगा, आइए जान लेते हैं इसते बारे में।

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ULI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार (26 अगस्त) को यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) की शुरुआत की घोषणा की। यह भारत के लोन सिस्टम में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है। यूएलआई का उद्देश्य क्रेडिट अप्रेजल प्रोसेस को आसान और तेज बनाना है और खास तौर पर छोटे उधारकर्ताओं के लिए यह बेहद कारगर साबित होगा। यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस कैसे काम करेगा, आइए जान लेते हैं इसते बारे में।

लोन प्रोसेसिंग होगा आसान

यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) को एक सहज और एफिशिएंट लोन इकोसिस्टम के लिए डिजाइन किया गया है। एक ओपन आर्किटेक्चर को ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) के साथ इंट्रेगेटेड है, जिससे विभिन्न वित्तीय संस्थान ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल में आसानी से जुड़ सकते हैं। यह सिस्टम क्रेडिट प्रोसेसिंग को आसान बनाएगा और छोटे उधारकर्ताओं के लिए समय कम करेगा।

यह कैसे काम करेगा?

ULI प्लेटफॉर्म आधार ई-केवाईसी, राज्य सरकार के भूमि रिकॉर्ड, पैन वेरिफिकेशन और खाता एग्रीगेटर सहित विभिन्न सोर्स से डेटा को कंसोलिडेट करेगा। शक्तिकांत दास ने बताया कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को अप्रैल 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया था। इसी तरह, पिछले साल, केंद्रीय बैंक ने फ्रिक्शनलेस लोन के लिए एक तकनीकी प्लेटफॉर्म का पायलट लॉन्च किया, जिसे अब ULI कहा जाएगा।

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