IRDAI Policy Surrender Value: तीन साल में इंश्योरेंस करेंगे सरेंडर तो होगा नुकसान, नियमों में हुआ बड़ा बदलाव

IRDAI Policy Surrender Value: इरडा ने बयान में कहा कि ये नियम प्रोडक्ट डिजाइन और वैल्यू निर्धारण में बेहतर कामकाज को बढ़ावा देते हैं। रडा ने बयान में कहा कि यह नियामकीय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें 34 नियमों को छह नियमों के साथ बदला गया है।

इंश्योरेंस को लेकर आई नई गाइडलाइंस

IRDAI Policy Surrender Value: इंश्योरेंस रेगुलेटरी बॉडी भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने अलग-अलग नियमों को नोटिफाई किया है। इसमें बीमा पॉलिसी वापस या सरेंडर करने से जुड़ा शुल्क भी शामिल है। इसमें बीमा कंपनियों को ऐसे शुल्कों का खुलासा पहले ही करना होता है। इरडा (बीमा प्रोडक्ट) विनियमन, 2024 के तहत छह नियमों को एक एकीकृत ढांचे में मिलाया गया है। इसका उद्देश्य बीमा कंपनियों को उभरती बाजार मांग के अनुसार तेजी से कदम उठाने में सक्षम बनाना, कारोबार सुगमता को बेहतर करना और बीमा को बढ़ावा देना है।

प्रोडक्ट डिजाइन और वैल्यू निर्धारण

इरडा ने बयान में कहा कि ये नियम प्रोडक्ट डिजाइन और वैल्यू निर्धारण में बेहतर कामकाज को बढ़ावा देते हैं। इसमें पॉलिसी वापसी पर गारंटीशुदा वैल्यू और स्पेशल वापसी वैल्यू से जुड़े नियमों को मजबूत करना शामिल है। इसमें यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बीमाकर्ता प्रभावी निगरानी और उचित जांच-परख के लिए ठोस गतिविधियों को अपनाएं। ये नियम एक अप्रैल, 2024 से प्रभाव में आएंगे। यह निर्धारित करते हैं कि यदि पॉलिसी खरीद के तीन साल के भीतर लौटाई या वापस की जाती है, तो वापसी वैल्यू समान या उससे भी कम रहने की संभावना है।

पॉलिसी वापसी वैल्यू

इसमें कहा गया है कि जिस पॉलिसी को चौथे से सातवें वर्ष तक वापस किया जाता है, उनके वापसी वैल्यू में मामूली वृद्धि हो सकती है। बीमा में वापसी वैल्यू से मतलब बीमा कंपनियों के पॉलिसीधारक को उसकी मैच्योरिटी तिथि से पहले पॉलिसी समाप्त करने पर भुगतान की गई राशि से है। यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि के दौरान ‘सरेंडर’ करता है, तो उसे कमाई और बचत हिस्से का भुगतान किया जाता है।

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