ITR में बहुत अहम है AIS, ऐसे चेक करें अपनी डिटेल, टैक्स का समझ आ जाएगा गणित

Annual Information Statement In ITR: फाइनेंशियल एंटिटी द्वारा फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में गलती के नतीजे में फॉर्म 26एएस/एआईएस में गड़बड़ी हो सकती हैं। कुछ मामलों में, बैंकिंग इंस्टिट्यूशन द्वारा शेयर किए गए सर्टिफिकेट और एआईएस पर मौजूद रेवेन्यू मैच न हों, ऐसा हो सकता है।

आईटीआर में एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट की अहमियत

मुख्य बातें
  • ITR में एआईएस बहुत अहम
  • होती है बहुत अहम जानकारी
  • एआईएस में नहीं होनी चाहिए गलती

Annual Information Statement In ITR: आईटीआर (ITR) फाइल करते समय यह चेक करना जरूरी है कि आपने आयकर रिटर्न फॉर्म में अपने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) की सभी जरूरी जानकारी भर दी है। हालाँकि, ऐसा भी होता है कि जब एआईएस में सटीक ब्याज इनकम न दर्ज हो। इससे खाताधारकों के बीच कंफ्यूजन और चिंता पैदा हो सकती है।

यदि आप इस स्थिति में पड़ जाएं, तो इस समस्या को हल करने और अपने बचत खाते के ब्याज की सटीक जानकारी सुनिश्चित करने के लिए आपको यहां क्या करना होगा, इसकी जानकारी आपको आगे मिलेगी। साथ ही एसआईसी आईटीआर के लिए इतना अहम क्यों है, इसकी भी जानकारी हम आपको आगे देंगे।

क्यों है एआईएस इतना अहम

एआईएस फॉर्म 26एएस पर मौजूद टैक्सपेयर के डेटा की उचित समरी (जानकारी) प्रोवाइड करता है। टैक्सपेयर एआईएस में मौजूद जानकारी के हिसाब से इनपुट दे सकते हैं। इसमें टीडीएस (TDS), एसएफटी (SFT or Statement of Financial Transaction) और अन्य जरूरी जानकारी होती है।

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