Health Claim Settlement: कैशलेस हेल्थ क्लेम सेटलमेंट के लिए 31 जुलाई तक सिस्टम तैयार करें बीमा कंपनियां, IRDAI ने दिया निर्देश

Health Claim Settlement: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्डर के बोझिल अनुभव को बदलने के लिए भारतीय बीमा विनियामक ने कई अहम कदम उठाए हैं। कैशलेस सेटलमेंट सिस्टम के लागू होने से हॉस्पिटल के बिल का पेमेंट आसान और तेज हो जाएगा। IRDAI ने कहा है कि बीमा कंपनियों से तय समय के भीतर 100 फीसदी कैशलेस क्लेम सेटलमेंट करना चाहिए।

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हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट

Health Claim Settlement: एक अगस्त 2024 से बीमा इंश्योरेंस कंपनियों को हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम का सेटलमेंट कैशलेस करना होगा। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने इंश्योरेंस कंपनियों से कहा है कि 31 जुलाई 2024 से कैशलेस सेटलमेंट के लिए जरूरी सिस्टम और प्रोसेस लागू करना चाहिए। कैशलेस सेटलमेंट सिस्टम के लागू होने से हॉस्पिटल के बिल का पेमेंट आसान और तेज हो जाएगा। ऐसे कई मामले देखने को मिलते हैं कि अस्पताल के बिल का पेमेंट समय पर नहीं होने से मरीज को डिस्चार्ज करने में देर होती है। ऐसी समस्या को खत्म करने के लिए IRDAI ने कैशलेस सिस्टम को लागू करने के लिए कहा है।

हॉस्पिटल में हेल्प डेस्क

IRDAI ने कहा है कि बीमा कंपनियों को कैशलेस क्लेम सेटलमेंट और सहायता के लिए अस्पताल में फिजिकल मोड में हेल्प डेस्क की व्यवस्था करनी चाहिए। इरडा ने कहा कि हर बीमाकर्ता को तय समय के अनुसार 100 प्रतिशत कैशलेस क्लेम सेटलमेंट हासिल करने का प्रयास करना चाहिए। बीमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि रिंबर्समेंट के जरिए क्लेम का स्टेलमेंट कम से कम हो और केवल असाधारण परिस्थितियों में ही किया जाए।

100 फीसदी कैशलेस सेटलमेंट

ईटी के अनुसार, IRDAI ने 29 मई, 2024 को जारी मास्टर सर्कुलर में कहा था कि बीमा कंपनियों से तय समय के भीतर 100 फीसदी कैशलेस क्लेम सेटलमेंट करना चाहिए। आपातकालीन मामलों में बीमाकर्ता को अनुरोध प्राप्त होने के एक घंटे के भीतर तुरंत कैशलेस अथॉराइजेशन रिक्वेस्ट पर फैसला लेना चाहिए। IRDAI ने सर्कुलर में कहा था कि किसी भी स्थिति में पॉलिसीधारक को अस्पताल से छुट्टी मिलने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

बोझिल अनुभव को बदलने की तैयारी

IRDAI के अनुसार, यदि तीन घंटे से अधिक की देरी होती है और हॉस्पिटल एक्स्ट्रा चार्ज लेता है, तो अतिरिक्त राशि बीमाकर्ता द्वारा शेयरधारक के फंड से वहन की जाएगी। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्डर के बोझिल अनुभव को बदलने के लिए भारतीय बीमा विनियामक ने कई अहम कदम उठाए हैं।
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Rohit Ojha author

रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें

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