IRDAI on Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस पर IRDAI का बड़ा फैसला, अब 3 साल में ही कवर होंगी पहले से मौजूद बीमारियां
IRDAI on Health Insurance: IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में पहले से मौजूद बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड को 48 महीने से घटाकर 36 महीने करने की घोषणा की है। बदले हुए नियम के बाद ग्राहकों को तीन साल में ही बीमा का कवर मिल जाएगा।
IRDAI on health insurance now pre existing diseases
IRDAI on Health Insurance: भारतीय इंश्योरेंस रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। IRDAI ने अब हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में पहले से मौजूद बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड को 48 महीने से घटाकर 36 महीने करने की घोषणा की है। IRDAI ने बीमा कंपनियों के लिए यह नियम अनिवार्य कर दिया है। पहले मौजूदा बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड 48 महीने यानी चार साल था, अब यह घटकर 36 महीने (3 साल) हो जाएगा।
तीन साल पर ही मिलेगा कवर
दरअसल, जब कोई व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जाता है, तो बीमा कंपनी ग्राहक से पहले चल रहे इलाज या बीमारी के बारे में पूछती है। पॉलिसी लेने के बाद ग्राहक को इन बीमारियों को लिए कवर चार साल के बाद ही मिलता है। यानी पहले से मौजूद बीमारी का इलाज पॉलिसी होल्डर अपने इंश्योरेंस के जरिए चार साल के बाद ही कर सकेगा। लेकिन अब बदले हुए नियम के बाद ग्राहकों को तीन साल में ही बीमा का कवर मिल जाएगा। IRDAI ने कहा कि बीमाकर्ता हेल्थ इंश्योरेंस के प्रोडक्ट्स पर पहले चल रही बीमारी के लिए कम से कम वेटिंग पीरियड रखने की कोशिश करें।
इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी
पॉलिसीबाजार में हेल्थ इंश्योरेंस के बिजनेस हेड सिद्धार्थ सिंघल IRDAI के इस फैसले को सराहा। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही सराहनीय कदम है, क्योंकि यह हेल्थ इंश्योरेंस खरीदारों के लिए किसी भी पीईडी के लिए क्लेम करने से पहले उनकी चिंता को कम करने वाली एक बड़ी परेशानी का समाधान करता है। पीईडी वेटिंग पीरियड को 48 महीने से घटाकर 36 महीने करने से अधिक लोग हेल्थ इंश्योरेंस का ऑप्शन चुन सकते हैं। इससे देश में इंश्योरेंस की पहुंच भी बढ़ेगी।
मोरेटोरियम वेटिंग पीरियड
इसके अलावा अतिरिक्त, मोरेटोरियम (Moratorium) वेटिंग पीरियड को 8 साल से घटाकर 5 साल कर दिया गया है। यह क्लेम अस्वीकार के बारे में संदेह को कम करके ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ाएगा। सिद्धार्थ सिंघल ने कहा कि ग्राहक के नजरिये से, छोटी वेटिंग पीरियड हमेशा बेहतर होता है, क्योंकि यह अनिश्चितता को कम करती है और बीमारियों या उनके खिलाफ क्लेम के तुरंत कवरेज की अनुमति देती है।
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