सास-ससुर की प्रॉपर्टी में क्या बहू का भी होता है हक, जानिए क्या कहता है कानून

Rights of Daughter-in-Law in Ancestral Property: एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ट्रांसफर होने वाली संपत्ति पैतृक संपत्ति की कैटेगरी में आती है। लेकिन जब बंटवारा होता है तो पैतृक संपत्ति स्व-अर्जित संपत्ति में बदल जाती है।

पैतृक संपत्ति में बहू के अधिकार है या नहीं

मुख्य बातें
  • बहू का सास-ससुर की संपत्ति में नहीं कोई हक
  • पति के देहांत पर मिल सकता है अधिकार
  • बेटियों का मां-बाप की संपत्ति में होता है हिस्सा

Rights of Daughter-in-Law in Ancestral Property: एक लड़की अपने जीवन में कई भूमिकाएं निभाती है। एक बेटी से शुरू होने वाला सफर पत्नी और खुद मां बनने तक चलता है। हर भूमिका के लिए उसके अधिकार और जिम्मेदारियाँ भी होती हैं। चाहे वह बेटी हो, बहू हो, मां हो या पत्नी हो, हर पद से जुड़ी गरिमा अहम होती है। बेटी के रूप में उसे पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) में हिस्सा भी मिलता है। मगर क्या आप बहू के उसके सास-ससुर की पैतृक संपत्ति में हिस्से के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो आज जान लीजिए।

बहुओं का क्या होता है अधिकार

बेटों को अपने माता-पिता की स्व-अर्जित संपत्ति (Self-Acquired Property) पर दावा करने का अधिकार होता है। मगर उनकी पत्नियों यानी बहुओं का अपने सास-ससुर की स्व-अर्जित संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं होता। ससुराल वालों की स्व-अर्जित संपत्ति की बात करें तो बेटी और बहू के अधिकार समान नहीं होते।

स्व-अर्जित संपत्ति और पैतृक संपत्ति में अंतर

एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ट्रांसफर होने वाली संपत्ति पैतृक संपत्ति की कैटेगरी में आती है। लेकिन जब बंटवारा होता है तो पैतृक संपत्ति स्व-अर्जित संपत्ति में बदल जाती है।

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