दवा नकली है या असली तुरंत चलेगा पता, अब दवाओं पर होगा क्यूआर कोड

QR Code on Medicines: सिर दर्द हुआ और मेडिकल की दुकान जाकर दर्द की दवा खरीद कर खा लिया। लेकिन क्या कभी सोचा है और पता लगाने की कोशिश की है कि जो दवा आप खा रहे हैं वह असली है या नकली। शायद नहीं की होगी।

दवाओं पर होगा क्यूआर कोड

QR Code on Medicines: सिर दर्द हुआ और मेडिकल की दुकान जाकर दर्द की दवा खरीद कर खा लिया। लेकिन क्या कभी सोचा है और पता लगाने की कोशिश की है कि जो दवा आप खा रहे हैं वह असली है या नकली। शायद नहीं की होगी। अब आप जल्द ही जांच कर पाएंगे कि जो दवा आप खरीद रहे हैं वह सुरक्षित है या नकली। 1 अगस्त से उत्पादित सबसे अधिक बिकने वाली दवाएं जो अगले कुछ हफ्तों में फार्मेसियों में आ जाएंगी उनकी पैकेजिंग पर एक क्यूआर कोड होगा। कोड को स्कैन करने पर लाइसेंस और बैच नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी से दवा के प्रमाणीकरण में आसानी होगी। टीओआई के मुताबिक यह कदम नकली और घटिया दवाओं की बिक्री पर अंकुश लगाने और क्वॉलिटी मेंटेन करने के लिए सरकार के 'ट्रैक एंड ट्रेस' तंत्र का हिस्सा है।

300 सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाओं पर होगा क्यूआर कोड

फार्मा रिटेल बाजार में पहले चरण में करीब 50,000 करोड़ रुपये का योगदान देने वाले 300 सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाओं पर 1 अगस्त से क्यूआर कोड लगाया जाएगा है। इस लिस्ट में व्यापक रूप से बिकने वाली एंटीबायोटिक्स, हृदय संबंधी दवाएं, दर्द निवारक गोलियां, मधुमेह विरोधी और एलर्जी विरोधी दवाएं शामिल हैं।

2 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के घरेलू खुदरा बाजार में मधुमेह रोधी मिक्सटार्ड और ग्लाइकोमेट-जीपी, एंटीबायोटिक्स ऑगमेंटिन और मोनोसेफ और गैस्ट्रो दवा पैन शीर्ष क्रम में हैं। पिछले कुछ वर्षों में, नकली और निम्न-मानक दवाओं के बाजार में आने के कई मामले सामने आए हैं। जिनमें से कुछ को नियामकों द्वारा जब्त कर लिया गया था।

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