EMI: कार और होम लोन होंगे महंगे, EMI का बढ़ेगा दबाव, बैंकों ने बढ़ाया MCLR

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) समेत देश के प्रमुख बैंकों ने MCLR में वृद्धि करने का फैसला किया है। MCLR में वृद्धि होने से कार और होम लोन लेना महंगा हो जाएगा। साथ ही अगर पहले से कोई लोन लिया गया है तो उसकी EMI में भी वृद्धि होगी। PNB और BOI द्वारा गुरुवार से ही नई दरों पर MCLR लागू किया जा चुका है।

EMI

कार और होम लोन होंगे महंगे, EMI का बढ़ेगा दबाव, बैंकों ने बढ़ाया MCLR

EMI: अगर आपने भी लोन लिया है और उसकी EMI चूका रहे हैं तो जल्द ही आप पर EMI का दबाव बढ़ने वाला है। साथ ही कार और होम लोन भी महंगे होने जा रहे हैं। हाल ही में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में वृद्धि कर दी है और गुरुवार से नई दर पर MCLR लागू भी हो चुका है। PNB और BOI के साथ ही अन्य बैंकों ने भी MCLR में वृद्धि का फैसला किया है जिसकी वजह से कार और होम लोन लेने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे और साथ ही पहले से चल रहे लोन की EMI में भी वृद्धि होगी।

MCLR में कितनी हुई वृद्धि?

पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने MCLR में 5 बेसिस पॉइंट्स यानी लगभग 0.05% की बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है। साथ ही बैंक ऑफ इंडिया ने एक साल की अवधि वाले लोन पर MCLR को 8.90% से बढ़ाकर 8.95% कर दिया है जबकि अन्य किसी भी लोन के MCLR में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। दूसरी तरफ PNB ने एक महीने की अवधि वाले लोन पर MCLR को 8.30% से बढ़ाकर 8.35%, तीन महीने वाले लोन पर 8.50% से बढ़ाकर 8.55%, छह महीने वाले लोन पर 8.70% से बढ़ाकर 8.75%, एक साल वाले लोन पर 8.85% से बढ़ाकर 8.90% और तीन साल की अवधि वाले लोन पर 9.15% से बढ़ाकर 9.20% कर दिया है।

यह भी पढ़ें: Bajaj Chetak: अब इलेक्ट्रिक अवतार में लोगों का पसंदीदा बन रहा बजाज चेतक, एक महीने में 20,000 पार पहुंची बुकिंग

क्या होता है MCLR?

लोन देने पर बैंकों के लिए एक न्यूनतम दर तय की गई है। यह दर भारत के केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा तय की जाती है। फिलहाल लोन देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इस न्यूनतम दर की बजाय बैंक MCLR का इस्तेमाल कर रहे हैं। MCLR को कैलकुलेट करने के लिए बैंक विभिन्न फैक्टर्स का इस्तेमाल करते हैं। इन फैक्टर्स में फंड्स की मार्जिनल कॉस्ट (लोन देने वाले बैंक/संस्था को पड़ने वाली नए लोन की औसत लागत), ऑपरेटिंग कॉस्ट, लोन की अवधि और प्रीमियम और कैश रिजर्व पर पड़ने वाला नकारात्मक प्रभाव शामिल हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | यूटिलिटी (utility-news News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited