Mutual Fund SIP: SIP या डायरेक्ट प्लान क्या है बेहतर, पिछले 1 साल में सबसे अच्छा परफॉर्म करने वाले SIP फंड्स

म्यूचुअल फंड्स में प्रमुख रूप से दो तरीकों से इन्वेस्ट किया जा सकता है। इनमें से एक तरीका रेगुलर म्यूचुअल फंड हैं जबकी दूसरा तरीका डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स का है। अगर आप भी म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते हैं या फिर इन्वेस्टमेंट करने के बारे में प्लान कर रहे हैं तो इन दोनों के बीच मौजूद अंतर को जानकर आप बेहतर कमाई कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड SIP या डायरेक्ट प्लान क्या है बेहतर

Mutual Funds SIP: म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट के बारे में सोचते ही हमारे दिमाग में SIP का ख्याल आता है। दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो म्यूचुअल फंड्स में डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करते हैं। आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स दो तरह के होते हैं। इनमें से एक रेगुलर म्यूचुअल फंड्स होते हैं, जिन्हें हम SIP के रूप में भी जानते हैं। जबकि दूसरे डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स हैं। अगर आप भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं या फिर करने के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपको इन दोनों ही म्यूचुअल फंड्स के बीच अंतर जान लेना चाहिए। दोनों ही म्यूचुअल फंड्स के बीच एक सबसे बड़ा अंतर तो यही है कि रेगुलर फंड्स का एक्सपेंस रेशो ज्यादा होता है, जबकि डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में ऐसा नहीं होता है। आइये जानते हैं दोनों के बीच मजूद प्रमुख अंतर।

SIP बनाम डायरेक्ट प्लान

रेग्युलर म्यूचुअल फंड्स में आपका पैसे को एक मैनेजर इन्वेस्ट करता है। आमतौर पर यह मैनेजर फंड हाउस का अधिकारी होता है और पैसों को इन्वेस्ट करने का यह कमीशन लेता है। इसकी वजह से रेग्युलर म्यूचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो ज्यादा होता है। दूसरी तरफ डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट प्लान में आप अपना फंड खुद चुनते हैं। इसीलिए आपको किसी प्रकार कोई कमीशन नहीं देना पड़ता है और आप बेहतर कमाई कर सकते हैं। दूसरी तरफ SIP की बदौलत आप इन्वेस्टमेंट की अच्छी आदत विकसित कर सकते हैं।
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