National Savings Certificate बनाम FD: कहां इन्वेस्ट करने पर मिलेगा बेहतर रिटर्न्स?

जब भी बात पैसों को इन्वेस्ट करने की आती है तो हम एक ऐसा तरीका ढूंढते हैं जो हमें बेहतर रिटर्न तो दे ही सके साथ ही सुरक्षित भी हो। बेहतर रिटर्न वाले सुरक्षित तरीकों की बात होते ही हमारे दिमाग में नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं का ख्याल जरूर आता है। आइए जानते हैं कि 5 सालों के लिए इन्वेस्ट करने पर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट या FD में से कौन सा तरीका आपके लिए बेहतर हो सकता है?

NSC बनाम FD: आपके लिए क्या है बेहतर

NSC Vs FD: जब भी पैसों को इन्वेस्ट करने की बात आती है तो हम बेहतर रिटर्न के साथ-साथ सुरक्षा की भी तलाश करते हैं। अच्छे रिटर्न वाले सुरक्षित तरीकों का ख्याल आते ही हमारे दिमाग में नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट या फिर बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं का नाम जरूर आता है। इन दोनों ही योजनाओं की अपनी एडवांटेज और सीमाएं भी हैं। नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में आप अधिकतम 5 सालों के लिए ही इन्वेस्ट कर सकते हैं। ऐसे में जानने की कोशिश करते हैं कि अगर आप 5 सालों के लिए अपने पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं तो NSC और FD में से आपके लिए ज्यादा बेहतर विकल्प क्या हो सकता है?

किसमें मिलेगा बेहतर रिटर्न?पैसों को इन्वेस्ट करने पर हमारे दिमाग में सबसे पहले रिटर्न्स का ही ख्याल आता है। नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट एक सरकारी योजना है और वर्तमान में इसमें इन्वेस्ट करने पर आपको 7.5% का सालाना इंटरेस्ट रेट मिलता है। दूसरी तरफ बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं की बात करें तो आपको विभिन्न भारतीय बैंकों द्वारा FD योजनाओं पर 8 से 9% जितना इंटरेस्ट रेट मिलता है। यहां आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए की आपको FD में इंटरेस्ट रेट बेशक ज्यादा मिलता हो लेकिन NSC में आपका इंटरेस्ट दोबारा इन्वेस्ट किया जाता है और एनएससी में इन्वेस्टमेंट करने पर आपको इनकम टैक्स के क्षेत्र 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट भी मिलती है। जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं में आपका इनकम स्लैप के हिसाब से इंटरेस्ट रेट पर टैक्स की कटौती की जाती है।

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