Mutual Fund: आपके म्यूचुअल फंड पर कब लगेगा लॉन्ग और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स, समझ लीजिए नया कैलकुलेशन
Mutual Fund: पिछले कुछ साल में म्यूचुअल फंड टैक्सेशन के नियमों में कई बदलाव हुए हैं। जब इन्हें बजट प्रस्तावों के साथ जोड़ा जाता है, तो म्यूचुअल फंड के टैक्सेशन लैंडस्केप में काफी बदलाव नजर आता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को तय करने के लिए दो होल्डिंग पीरियड हैं।
म्यूचुअल फंड टैक्सेशन के नियम।
Mutual Fund: आम बजट 2024 में अलग-अलग कैपिटस एसेट पर कैपिटल गेन टैक्स- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में इजाफा किया गया है। इसके अलावा, बजट शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल को रैशनलाइज यानी तर्कसंगत बनाया गया है। सरकार के इस कदम से आपका म्यूचुअल फंड (MF) निवेश भी प्रभावित होगा। अब कैसे होगा इसे समझते हैं। पिछले कुछ साल में म्यूचुअल फंड टैक्सेशन के नियमों में कई बदलाव हुए हैं। जब इन्हें बजट प्रस्तावों के साथ जोड़ा जाता है, तो म्यूचुअल फंड के टैक्सेशन लैंडस्केप में काफी बदलाव नजर आता है।
दो होल्डिंग पीरियड
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को तय करने के लिए दो होल्डिंग पीरियड 12 और 24 महीने होंगी। सभी लिस्टेड एसेट को 12 महीने या एक वर्ष से अधिक समय तक रखने पर लॉन्गटर्म की कैटेगरी में रखा जाएगा। लिस्टेड का मतलब भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट एसेट। अन्य सभी एसेट को 24 महीने या दो साल से अधिक समय तक रखने पर लॉन्ग टर्म की कैटेगरी में रखा जाएगा। नियम 23 जुलाई, 2024 से लागू हो गए हैं।
कितना लगेगा टैक्स
सभी प्रकार के एसेट के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर समान रूप से 12.5 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा। निवेशकों को मिलने वाला इंडेक्सेशन लाभ बजट 2024 में हटा दिया गया था। इससे पहले, कुछ संपत्तियों पर इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी और इंडेक्सेशन के बिना 10 फीसदी का LTCG टैक्स लगता था। इंडेक्सेशन के बिना बढ़ा हुआ LTCG टैक्स 23 जुलाई, 2024 से प्रभावी हो गया।
म्यूचुअल फंड निवेश
लिस्टेड और नॉन-लिस्टेड एसेट के बीच अंतर और होल्डिंग पीरियड
- इक्विटी म्यूचुअल फंड (भले ही इक्विटी म्यूचुअल फंड स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड न हों, उन्हें टैक्सेशन के लिए लिस्टेड एसेट माना जाएगा)
- इक्विटी ईटीएफ
- गोल्ड ईटीएफ
- बॉन्ड ईटीएफ
- भारत में लिस्टेड विदेशी इक्विटी ईटीएफ
- लिस्टेड बॉन्ड
- रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT)
- इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट (InVIT)
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)
लिस्टेड एसेट होल्डिंग पीरियड
ध्यान रखें कि इन सभी एसेट से होने वाले लाभ को लॉन्ग टर्म में माना जाएगा अगर उन्हें 12 महीने से अधिक समय तक रखा जाता है। अगर होल्डिंग अवधि 12 महीने या उससे कम है, तो लाभ को शॉर्ट टर्म माना जाएगा।
नॉन लिस्टेड एसेट के लिए होल्डिंग पीरियड
- गोल्ड म्यूचुअल फंड
- डेट म्यूचुअल फंड (1 अप्रैल, 2023 से पहले खरीदे गए डेट फंड)
- रियल एस्टेट
- फिजिकल गोल्ड
- नॉन लिस्टेड स्टॉक (भारतीय या अंतर्राष्ट्रीय)
- विदेशी इक्विटी फंड
कैसे टैक्स पर होगा असर
यह समझना अहम है कि आपके म्यूचुअल फंड की होल्डिंग पीरियड आपके कैपिटल गेन टैक्स को कैसे प्रभावित करेगी। बजट 2024 ने म्यूचुअल फंड के लिए होल्डिंग पीरियड के नियमों को आसान बनाया है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कैपिटल गेन शॉर्ट टर्म होगा या लॉन्ग टर्म।
12 महीने या उससे कम समय तक रखे गए इक्विटी म्यूचुअल फंड से होने वाले लाभ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। जब होल्डिंग अवधि 12 महीने से अधिक होती है, तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा।
डेट म्यूचुअल फंड के ऑफरिंग पर होल्डिंग अवधि के बावजूद निवेशक की स्लैब दर पर टैक्स लगाया जाता रहेगा। डेट म्यूचुअल फंड के लिए टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसलिए, डेट म्यूचुअल फंड निवेशकों पर कोई फिजिकल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं नजर आ रहा है।
अन्य म्यूचुअल फंड जिनकी होल्डिंग अवधि 24 महीने या दो साल से कम है, उन्हें शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की कैटेगरी में रखा जाएगा। अगर होल्डिंग पीरियड 24 महीने से अधिक है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा।
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रोहित ओझा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉरस्पॉडेंट सितंबर 2023 से काम कर रहे हैं। यहां पर वो बिजेनस और यूटिलिटी की खबरों पर काम करते हैं। मी...और देखें
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