PM Kisan में बड़ा बदलाव, अब चेहरे से हो जाएगी KYC, मॉडल बनेगा नजीर

PM-Kisan Mobile App Face Authentification: पीएम किसान के लाभार्थी अब वन टाइम पासवर्ड (OTP) या फिंगर प्रिंट का उपयोग करने के बजाय मोबाइल फोन पर अपना चेहरा स्कैन करके अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर पाएंगे।

PM Kisan mobile app

पीएम किसान

PM-Kisan Mobile App Face Authentification: पहली बार मोदी सरकार ने किसी भी केंद्रीय कल्याण योजना के लिए मोबाइल ऐप में अब फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा शुरू की है। इसकी शुरुआत गुरुवार को पीएम-किसान ऐप से हुई। पीएम किसान के लाभार्थी अब वन टाइम पासवर्ड (OTP) या फिंगर प्रिंट का उपयोग करने के बजाय मोबाइल फोन पर अपना चेहरा स्कैन करके अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर पाएंगे।
बता दें 2019 में शुरू की गई प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि या पीएम-किसान योजना लाभार्थियों को हर चार महीने में 2000-2000 के तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता देती है। अबतक मोदी सरकार 13 किस्त जारी कर चुकी है और अब 14वीं किस्त बहुत जल्द पात्र किसानों के खातों में आने वाली है।

अब घर बैठे होगी ई-केवाईसी

अब तक पीएम-किसान लाभार्थियों का E-KYC या तय किए गए केन्द्रो पर बायोमेट्रिक्स के जरिए किया जाता था। इसके अलावा आधार से जुड़े मोबाइल फोन नंबरों पर भेजे गए वन-टाइम पासवर्ड के माध्यम से किया जाता था। नई सुविधा की जानकारी शेयर करते हुए, अतिरिक्त सचिव प्रमोद कुमार मेहरदा ने कहा, “पीएम-किसान योजना चेहरे को पहचानने वाले मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-केवाईसी करने वाली सरकार की पहली योजना बन गई है। यह ऐप उन किसानों के लिए बहुत उपयोगी है, जो वृद्ध हैं और उनका मोबाइल नंबर उनके आधार से लिंक नहीं है।

फेस ऑथेंटिकेशन से 3 लाख किसानों का हो चुका ई-केवाईसी

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक कार्यक्रम में ऐप फीचर लॉन्च किया, जिसमें कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, कृषि सचिव मनोज आहूजा, अतिरिक्त सचिव प्रमोद कुमार मेहरदा और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मेहरदा ने कहा कि मंत्रालय ने इस साल 21 मई को पीएम-किसान मोबाइल ऐप में फेस ऑथेंटिफिकेशन फीचर की पायलट टेस्टिंग शुरू की है। तब से अब तक 3 लाख किसानों का ई-केवाईसी सफलतापूर्वक किया जा चुका है।

वृद्ध किसानों के लिए उपयोगी है यह सुविधा

एक अधिकारी ने कहा, हालांकि, ई-केवाईसी के दौरान अधिकारियों को ऐसे कई उदाहरण मिले जब किसानों के मोबाइल नंबर आधार से जुड़े नहीं थे, जिसके कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। बायोमेट्रिक्स के मामले में कई बुजुर्ग किसानों को सीएससी पर जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, कई लोगों को उंगलियों के निशान के मिलान न होने की समस्या का भी सामना करना पड़ा। इसलिए, ई-केवाईसी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, मंत्रालय ने पीएम-किसान मोबाइल ऐप में फेस ऑथेंटिकेशन फीचर शुरू करने का फैसला किया है।
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