New Pension Scheme vs Old Pension Scheme में से कौन सी है आपके लिए बेहतर, किसमें मिलेगा ज्यादा फायदा
New Pension Scheme vs Old Pension Scheme: एनपीएस में 1.50 लाख रुपये तक का निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर-कटौती योग्य है। 50,000 रुपए तक के अतिरिक्त वार्षिक निवेश अधिनियम की धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत कर-कटौती योग्य हैं।
ओल्ड पेंशन या न्यू पेंशन स्कीम में कौन सी है बेहतर।
New Pension Scheme vs Old Pension Scheme: देश के कई राज्य पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस (OPS) की ओर लौट रहे हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत देश के कई राज्य पहले ही पुरानी पेंशन योजना लागू कर चुके हैं। सामान्य तौर पर पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना यानी एनपीएस (NPS) दोनों ही पेंशन योजनाएं हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे से अलग हैं। पुरानी पेंशन योजना को बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार (NDA Government) ने दिसंबर 2003 में बंद कर दिया था। इसके बाद नई पेंशन योजना 1 अप्रैल, 2004 को लागू हुई थी।
ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme)
पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीसी में रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी और महंगाई भत्ता का 50 प्रतिशत या सर्विस के पिछले दस महीनों में उनकी औसत कमाई, जो भी उनके लिए अधिक फायदेमंद हो, वह मिलती है। हालांकि इसके लिए कर्मचारी की ओर से दस साल की सर्विस की आवश्यकता को पूरा किया जाना चाहिए।
ओपीएस के तहत कर्मचारियों को अपनी पेंशन में योगदान करने की आवश्यकता नहीं है। सरकारी नौकरी में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की गारंटी थी और इसलिए रिटायरमेंट के बाद के समय के लिए पैसे सेविंग करके फंड बनाने की जरूरत नहीं होती थी। केवल सरकारी कर्मचारी ही सेवानिवृत्ति के बाद पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने के पात्र हैं।
न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme)
न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में सरकारी नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 10 प्रतिशत एनपीएस में योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14 प्रतिशत तक योगदान करते हैं। प्राइवेट क्षेत्र के कर्मचारी भी एनपीएस में स्वेच्छा से भाग ले सकते हैं, हालांकि कुछ नियमों में बदलाव किया गया है।
एनपीएस के साथ कस्टमर के पास अधिक लचीलापन होता है। एपीएस में प्रोफेशनल पेंशन फंड मैनेजर की मदद से व्यक्ति ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकता है और एक बड़ा रिटायरमेंट फंड बना सकता है। इसके अलावा एनपीएस में 1.50 लाख रुपये तक का निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर-कटौती योग्य है। 50,000 रुपए तक के अतिरिक्त वार्षिक निवेश अधिनियम की धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत कर-कटौती योग्य हैं।
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दीपक पोखरिया author
पहाड़ से हूं, इसलिए घूमने फिरने का शौक है। दिल्ली-नोएडा से ज्यादा उत्तराखंड में ही मन लगता है। कई मी...और देखें
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