क्या गंगाजल पर लग रहा 18 फीसदी GST? CBIC ने कह दी ये बात...
CBIC ने इस मामले पर तब ट्वीट किया, जब कांग्रेस ने गुरुवार को गंगा नदी के जल पर कथित तौर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की। पुरानी अप्रत्यक्ष टैक्स व्यवस्था की जगह पहली जुलाई 2017 को देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू किया गया था।
गंगाजल पर 18 फीसदी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लगाने के दावों के बीच केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ( CBIC) ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि गंगाजल और अन्य पूजा सामग्री पर कोई जीएसटी नहीं लगाया जाता है। CBIC ने ट्वीट कर कहा कि ऐसी पूजा वस्तुओं को जीएसटी से छूट दी गई है। सीबीआईसी ने कहा कि देश भर के घरों में पूजा में गंगाजल का उपयोग किया जाता है और पूजा सामग्री को जीएसटी के तहत छूट दी गई है।
CBIC ने कहा कि 18/19 मई 2017 और 3 जून 2017 को हुई जीएसटी परिषद की 14वीं और 15वीं बैठक में पूजा सामग्री पर जीएसटी पर विस्तार से चर्चा की गई और उन्हें छूट की सूची में रखने का निर्णय लिया गया था। इसलिए, जीएसटी लागू होने के बाद से इन सभी वस्तुओं पर छूट दी गई है।
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा था निशाना
CBIC ने इस मामले पर तब ट्वीट किया, जब कांग्रेस ने गुरुवार को गंगा नदी के जल पर कथित तौर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया है जो लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है।
2017 में लागू हुआ था जीसएटी
पुरानी अप्रत्यक्ष टैक्स व्यवस्था की जगह पहली जुलाई 2017 को देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू किया गया था। इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स सुधारा बताया गया था। जीएसटी के कलेक्शन में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। मौजूदा वित्त वर्ष के सितंबर के महीने में जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1.62 लाख करोड़ रुपये रहा था।
इसमें सेंट्रल जीएसटी (CGST) 29,818 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (SGST) 37,657 करोड़ रुपये शामिल है। देश में GST लागू किए जाने के बाद अप्रैल 2023 में सबसे अधिक जीएसटी कलेक्शन हुआ था। ये आंकड़ा रिकार्ड 1.87 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | यूटिलिटी (utility-news News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited