NPS के नियमों में बदलाव, अब पैसे निकालने से पहले करना होगा ये जरूरी काम

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से पैसों की निकासी या फिर इस स्कीम से एग्जिट के लिए इंस्टैंट बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया गया है। ​एनपीएस लॉन्ग टर्म का निवेश प्लान है। इसकी शुरुआत जनवरी 2004 में हुई थी। NPS में 1,000 रुपये महीने से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।

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पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से पैसों की निकासी या फिर इस स्कीम से एग्जिट के लिए इंस्टैंट बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। इसके जरिए PFRDA को यह सुनिश्चित करेगी कि ग्राहकों को खाते में समय से निकासी की राशि क्रेडिट हो जाए। बैंक खाते का वेरिफिकेशन पेनी-ड्रॉप मेथड से किया जाएगा। PFRDA के 25 अक्टूबर, 2023 के सर्कुलेशन के अनुसार वेरिफिकेशन प्रोसेस के लिए नाम मिलान, निकासी और निकासी की रिक्वेस्ट जरूरी है। साथ ही ग्राहक के बैंक खाते की डिटेल्स को बदलने के लिए पेनी ड्रॉप वेरिफिकेशन आवश्यक रूप से सफल होना चाहिए।

बैंक डिटेल्स में बदलाव के लिए करना होगा ये काम

पेंशन नियामक ने कहा कि ऐसी स्थिति में जब सीआरए पेनी ड्रॉप के वेरिफिकेशन में असफल रहता है, तो NPS से एग्जिट या फिर पैसों की निकासी ग्राहक के बैंक खाते के डेटा में बदलाव के किसी भी रिक्वेस्ट को मंजूर नहीं किया जाएगा। पेनी ड्रॉप फेलियर के मामले में संबंधित नोडल कार्यालय के साथ एक निर्धारित प्रक्रिया के जरिए ही ग्राहक के बैंक खाते की डिटेल्स में बदलाव के लिए फैसला लिया जाएगा। सीआरए पेनी ड्रॉप असफल होने पर ग्राहक को उसके मोबाइल नंबर और ई-मेल पर इस संबंध में सूचित करेगा।

क्या है NPS और कब हुई थी इसकी शुरुआत?

एनपीएस लॉन्ग टर्म का निवेश प्लान है। इसकी शुरुआत जनवरी 2004 में हुई थी। पहले इस स्कीम में सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही निवेश कर सकते हैं। लेकिन साल 2009 में इसे सभी के लिए ओपन कर दिया गया। NPS में 1,000 रुपये महीने से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं, इसे आप 70 साल की उम्र तक चला सकते हैं। एनपीएस में निवेश करने वालों को टैक्स डिडक्शन का भी लाभ मिलता है। आप इस स्कीम में निवेश कर सालाना 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स छूट का लाभ पा सकते हैं।
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