NPS Vs Mutual Funds: कौन से तरीके में इन्वेस्ट करना रहेगा बेहतर

पैसों को बचाना एक कला है और साथ ही पैसों को सही जगह इन्वेस्ट करना भी जरूरी है। लोग अक्सर अपनी रिटायरमेंट के लिए अच्छी खासी प्लानिंग करते हैं और पैसों को इन्वेस्ट करने के लिए सही विकल्प तलाशते हैं। म्यूचुअल फंड और राष्ट्रीय पेंशन स्कीम को इन्वेस्टमेंट के लिए काफी बेस्ट माना जाता है। आइये देखते हैं म्यूचुअल फंड और राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में आपको क्या फायदे मिलते हैं।

NPS Vs Mutual Funds

NPS या फिर म्यूचुअल फंड्स, किस तरीके में इन्वेस्ट करना है ज्यादा बेहतर?

NPS Vs Mutual Funds: एक बेहतर और सुरक्षित वित्तीय भविष्य के लिए इन्वेस्टमेंट करना बहुत ज्यादा जरूरी है। और जब भी बात पैसे इन्वेस्ट करने की आती है तो अक्सर अन्य विकल्पों के साथ-साथ हमारे दिमाग में म्यूचुअल फंड और राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (NPS) का ख्याल भी आता है। वैसे तो रिस्क लेने की आपकी क्षमता और आपके लक्ष्यों के अनुसार आप इनमें से किसी भी विकल्प का चयन कर सकते हैं।, लेकिन उससे पहले आइये जानते हैं कि इन्वेस्टमेंट के किस तरीके में आपको क्या फायदे मिलते हैं और जानने की कोशिश करते हैं कि अगर आप रिटायरमेंट प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए ज्यादा बेहतर विकल्प क्या हो सकता है।

NPS में मिलने वाले फायदे

NPS सरकार की रिटायरमेंट योजना है जिसमें इन्वेस्ट कर आप पेंशन प्राप्त कर अपने भविष्य को वित्तीय रूप से सुरक्षित कर सकते हैं। यह योजना प्रमुख रूप से रिटायरमेंट के लिए ही है और इसमें लॉक इन पीरियड भी होता है। आप 10 साल के बाद या फिर 60 साल की उम्र पूरी हो जाने के बाद ही जमा किया गया पूरा पैसा निकाल सकते हैं। NPS के माध्यम से आप इक्विटी, कॉर्पोरेट डेब्ट, सरकारी बॉन्ड्स और वैकल्पिक इन्वेस्टमेंट फंड्स में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। हालांकि NPS भी मार्केट से संबंधित है लेकिन इसे कम रिस्की माना जाता है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ इक्विटी में आपकी इन्वेस्टमेंट की हिस्सेदारी कम होती जाती है।

म्यूचुअल फंड के फायदे

म्यूचुअल फंड्स को यूजर फ्रेंडली माना जाता है और आप विभिन्न लक्ष्यों के अनुसार विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं का चयन कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड के माध्यम से भी आप इक्विटी, हाइब्रिड, डेब्ट जैसे विभिन्न फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। म्युचुअल फंड में आपको लॉक-इन पीरियड के साथ-साथ बिना लॉक-इन पीरियड वाले विकल्प भी मिलते हैं। म्यूचुअल फंड्स में रिस्क आपके चुने हुए फंड पर निर्भर करता है और आप रिस्क लेने की क्षमता अपने क्षमता के अनुसार भी विभिन्न विकल्पों का चयन कर सकते हैं।

कौन सा तरीका है बेहतर?

दोनों ही विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान हैं। अपनी रिस्क लेने की क्षमता और लक्ष्यों के अनुसार आपको विकल्प का चयन करना चाहिए। अगर आप थोड़ा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं और आपका लक्ष्य संपत्ति बनाना है तो आप म्यूचुअल फंड का चयन कर सकते हैं और अगर आपको लगता है कि आपके लक्ष्य के साथ आप बहुत ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहते तो आप NPS का चयन कर सकते हैं। किसी भी विकल्प का चयन करने से पहले अपने विकल्पों और क्षमताओं के बारे में अच्छी तरह जान लें।
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Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

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