NSC Vs FD: 5 साल की इन्वेस्टमेंट पर कहां मिलेगा शानदार रिटर्न
सरकारी योजनाओं को इन्वेस्टमेंट का सबसे सुरक्षित साधन माना जाता है। जब भी बात सरकारी योजनाओं में इन्वेस्ट करने की आती है तो पोस्ट ऑफिस द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं की बात भी होती है। 5 साल के लिए अगर पैसे इन्वेस्ट करने हों तो राष्ट्रीय बचत सर्टिफिकेट का ख्याल जरूर आता है, दूसरी तरफ विभिन्न बैंक आकर्षक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) योजनाएं भी प्रदान कर रहे हैं।
राष्ट्रीय बचत सर्टिफिकेट बनाम फिक्स्ड डिपॉजिट
NSC Vs FD: मेहनत से कमाए हुए पैसों को सही जगह लगाना बहुत ही जरूरी होता है। इन्वेस्ट किए गए पैसों पर बेहतर रिटर्न्स के साथ-साथ सुरक्षा भी चाहिए होती है। अगर 5 साल के लिए पैसे इन्वेस्ट करने हों तो हमें आमतौर पर बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं का ही ख्याल आता है। दूसरी तरफ पोस्ट ऑफिस भी इन्वेस्टमेंट के लिए काफी आकर्षक योजनाएं प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय बचत सर्टिफिकेट (NSC) भी ऐसा ही इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। लेकिन अगर आपको इन दोनों में से किसी एक का चयन करना हो तो आपके लिए कौन सा ऑप्शन बेहतर हो सकता है? आइये जानने की कोशिश करते हैं।
राष्ट्रीय बचत सर्टिफिकेट (NSC) के फायदेराष्ट्रीय बचत योजना (NSC) में आपको सालाना 7.7% की दर से इंटरेस्ट रेट प्रदान किया जाता है और सालाना चक्रवृद्धि ब्याज भी मिलता है। NSC में इन्वेस्टमेंट की शुरुआत आप मात्र 100 रुपये से भी कर सकते हैं। NSC में इन्वेस्ट करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत NSC में इन्वेस्ट की गई रकम पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। NSC का लॉक-इन पीरियड 5 सालों का है और समय से पहले अगर आप पैसे निकालते हैं तो आपको पेनल्टी का भुगतान करना पड़ता है।
बैंक की फिक्स्ड डिपाजिट योजनाएंफिलहाल देश के विभिन्न बैनों द्वारा 7 दिनों से 10 साल वाली FD योजनाओं पर सालाना 4.25% से 8% ब्याज दिया जा रहा है। 5 साल वाली FD योजनाओं पर विभिन्न बैंक सालाना 6.25% से 7.25% ब्याज प्रदान कर रहे हैं। FD में इन्वेस्ट करने की न्यूनतम रकम हर बैंक के हिसाब से अलग-अलग होती है। अगर आप टैक्स में मिलने वाली छूट का फायदा उठाना चाहते हैं तो आपको सालाना 1.5 लाख रुपये ही इन्वेस्ट करने चाहिए। फिक्स्ड डिपॉजिट योजना में इन्वेस्ट की गई रकम पर 5 साल का लॉक-इन पीरियड मिलता है। कुछ बैंक मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने का ऑप्शन भी देते हैं, लेकिन आपको पेनल्टी का भुगतान भी करना पड़ता है।
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पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। ...और देखें
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