सावधान! क्या त्योहारों में आपको करनी चाहिए ऑनलाइन शॉपिंग? डिस्काउंट के नाम पर हो रहा है फ्रॉड
No Cost EMI, Pay Later: त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ कंपनियों की ओर से ऑफर और डिस्काउंट की भी शुरुआत हो चुकी है। लेकिन सावधान हो जाएं क्योंकि आपको नो कॉस्ट ईएमआई का झांसा देकर कंपनियां मोटा ब्याज वसूल लेती हैं।
सावधान! क्या आपको करनी चाहिए ऑनलाइन शॉपिंग?
- बाय नाऊ पे लेटर के जरिए शॉपिंग बहुत तेजी से बढ़ रही है।
- त्योहारों में ग्राहकों को सोच- समझकर ही खरीदारी करनी चाहिए।
- फेस्टिव सीजन में डिस्काउंट के नाम पर आपके साथ फ्रॉड भी हो सकता है।
नई दिल्ली। देश में फेस्टिव सीजन चल रहा है। ऐसे में लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी के बाद से लोग ऑनलाइन खरीदारी (Online Shopping) ज्यादा करने लगे हैं क्योंकि उनका मानना है कि ऑलाइन शॉपिंग पर उनका सिर्फ समय ही नहीं बचता, बल्कि उन्हें तगड़ा डिस्काउंट भी मिलता है। लेकिन कहीं आप समय बचाने के चक्कर में अपना नुकसान तो नहीं कर रहे हैं? कहीं डिस्काउंट के नाम पर आपको लूटा तो नहीं जा रहा है? आइए जानते हैं इधर।
ग्राहकों को डिस्काउंट दे रही हैं कंपनियां
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करवा चौथ का त्योहार बीत चुका है और अब जल्द ही देश में धनतेरस (Dhanteras), दिवाली (Diwali) और छठ जैसे बड़े त्योहार भी मनाए जाएंगे। इस मौके पर कंपनियां ग्राहकों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं और उन्हें तरह- तरह के ऑफर (Discount Offer) पेश कर रही हैं।
क्या आपको करनी चाहिए ऑनलाइन शॉपिंग?
देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन के बढ़ने के साथ- साथ ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से नो कॉस्ट ईएमआई (No Cost EMI) ओर पे लेटर (Pay Later) जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। लेकिन क्या गारंटी है कि ये सुविधाएं आपके लिए फायदेमंद है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनसे ग्राहकों को फायदा कम होता है और कर्ज का जाल अधिक। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस बात को कभी ना भूलें
त्योहारों के समय में कंपनियां नो कॉस्ट ईएमआई और पे लेटर जैसी सुविधाओं की पेशकश करती हैं। बाजार जानकारों का कहना है कि खरीदारी के समय तो ग्राहकों के बजाय ये कंपनियां पेमेंट कर देती हैं, लेकिन ग्राहकों को उस रकम को चुकाने के लिए बेहद कम समय मिलता है। इस वजह से ज्यादातर ग्राहक रकम नहीं चुका पाते हैं और परिणामस्वरूप उन पर ब्याज का बोझ बढ़ जाता है।
क्या नो कॉस्ट ईएमआई से होता है फायदा?
नो कॉस्ट ईएमआई में ग्राहक को लगता है कि उन्हें किसी तरह का ब्याज नहीं देना होगा, लेकिन बाजार के जानकारों का मानना है कि किसी भी प्रकार का क्रेडिट फ्री नहीं होता है। कंपनियां नो कॉस्ट ईएमआई वाले प्रोडक्ट की कीमत में ही ब्याज का पैसा वसूली लेती हैं। इस मामले में कंपनी पहले ही बैंक या लोन देने की कंपनी को ब्याज का भुगतान कर देती है।
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